भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर ललवानी, विधायक रमेश मेंदोला और नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा सहित करीब 350 भाजपाईयों के खिलाफ मध्य प्रदेश के इंदौर में केस दर्ज किया गया है. सभी पर संयोगिता गंज थाने में धारा 144 का उल्लंघन और शांति भंग करने के आरोप में आईपीसी की धारा 188 मुकदमा दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि दो दिन पहले बिना अनुमति भाजपाइयों द्वारा रेसीडेंसी क्षेत्र में कमिश्नर के बंगले के सामने धरना दिया गया था. इसी को लेकर मामला दर्ज करने की बात सामने आई है.
यह भी पढ़ेंः संघ पदाधिकारी न होते तो इंदौर में आग लगा देता- कैलाश विजयवर्गीय
जानकारी के मुताबिक, इंदौर के एसडीएम और तहसीलदार ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में कहा गया है कि बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर ललवानी समेत सैकड़ों बीजेपी नेताओं ने संभागायुक्त निवास पर बिना अनुमति के धरना दिया और अधिकारियों को धमकाया. उन पर धारा 144 का उल्लंघन करने एवं शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है. माना जा रहा है कि आलाकमान के निर्देश के बाद ही कैलाश विजयवर्गीय पर यह कार्रवाई की गई है. हालांकि इसको लेकर इंदौर के पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं.
![]()
यह भी पढ़ेंः Fact Check: क्या असम में जबरन लोगों को घरों से उठा रही है पुलिस? क्या है इस वीडियो का सच
गौरतलब है कि महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर इंदौर के आयुक्त से मुलाकात न होने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाने आरोप लगा था. कथित तौर पर उन्होंने यहां तक कह डाला था कि अगर संघ के पदाधिकारी शहर में मौजद न होते तो वह इंदौर में आग लगा देते. कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें विजयवर्गीय कह रहे हैं, 'यह चिट्ठी लिखी है कि हम मिलना चाहते हैं. उन्हें यह भी सूचना नहीं दोगे कि हम आए हैं. यह बर्दाश्त नहीं करेंगे अब. हमारे संघ के पदाधिकारी हैं, नहीं तो आज आग लगा देते हम इंदौर में.' इसको लेकर तमाम कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया था और डीजीपी को ज्ञापन देकर विजयवर्गीय पर कार्रवाई की मांग भी की थी.
Source : News Nation Bureau