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कोरोना से लड़ने के लिए मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में लागू होगा ब्रिटिश कानून

देश के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं.

Updated on: 28 Mar 2020, 01:43 PM

Bhopal:

भारत में जानलेवा वायरस कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र समेत राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर इससे दो-दो हाथ करने में जुटी हुई हैं. देश के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर चुके हैं. ऐसे में कोविड-19 कोरोना को हराने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना की महामारी के लिए एक और कदम चला है. दोनों ही प्रदेशों ने वहां के निजी अस्पतालों का अधिग्रहण करने की सोची है.

इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश काल का कानून लागू किया है. इंदौर प्रशासन ने शुक्रवार को दो अस्पतालों का अधिग्रहण किया है. इंदौर में पूरे प्रदेश के 29 में से करीब आधे मामले हैं और दो में से एक मौत यहीं हुई है.

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इंदौर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रवीण जाडिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि ये सब महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत किया है. उन्होंने कहा- 'कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव के आदेश पर गोकुलदास और विशेष अस्पताल को कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अधिग्रहीत किया गया है.' बता दें कि ये कानून 4 फरवरी 1897 को मुंबई में फैली महामारी प्लेग से लड़ने के लिए बनाया गया था.

उन्होंने ये भी कहा कि 18 निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ऑथराइज किया गया है. वह बोले- 'हमारे पास एमआरटीबी सरकारी अस्पताल में मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए 60 बेड हैं और जगदगुरु दत्तात्रेय अस्पताल में 150 बेड का क्वारेंटाइन है. एमटीएच अस्पताल में 450 बेड आइसोलेशन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं.'