मध्य प्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां अब रिश्वतखोर अफसर कैश की जगह चेक से रिश्वत ले रहे हैं. मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है जहां एक ठेकेदार ने अफसरों को एक लाख की रिश्वत तो दी लेकिन चेक में. बाद में जब मामला लोकायुक्त में गया तो फिर अफसर का ही खेला हो गया. न सिर्फ अफसर पकड़ा गया बल्कि उनके साथ दो साथी भी लोकायुक्त की गिरफ्त में आ गए.
दरअसल, भोपाल में लोकायुक्त कार्यालय को खबर मिली थी कि बाड़ी नगर पालिका के सीएमओ बद्री प्रसाद शर्मा, एफडी वापस करने के लिए ठेकेदार राजेश मिश्रा से एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं. ठेकेदार ने बाड़ी में एक श्मशान घाट का निर्माण किया था जिसके लिए 3 लाख 40 हजार रुपये की एफडी जमा कराई गई थी. अब जब काम पूरा हो गया तो यह एफडी वापस चाहिए थी.
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एफडी वापस करने के लिए मांग रहे रिश्वत
अपनी एफडी को वापस पाने के लिए ठेकदार, सीएमओ के चक्कर लगाता रहा लेकिन एफडी वापस नहीं हुई. परेशान होकर ठेकेदार ने भोपाल लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई. लोकायुक्त के प्रभारी पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत अवस्थी ने डीएसपी संजय शुक्ला को इस शिकायत की जांच का जिम्मा सौंपा था. जब डीएसपी ने जांच की तो जांच में पता चला कि सीएमओ के अलावा शुभम जैन और जयकुमार नाम के दो लोग भी इसमें शामिल मिले.तीनों मिलकर ठेकेदार पर रिश्वत देने का दबाव बना रहे थे.
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लोकायुक्त ने बिछाया जाल
इस पर लोकायुक्त कार्यालय ने अपने तरीके से ट्रैप बिछाया और एमपी नगर के होटल में तीनों आरोपियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया. सीएमओ के साथी शुभम जैन के पास से 40 और 60 हजार रुपये के दोनों चेक मिल गए. उसी समय तीनों को अरेस्ट कर लिया गया. अब आगे की कार्रवाई हो रही है.