logo-image

एमपी के खंडवा से बीजेपी सांसद नंद कुमार सिंह चौहान का निधन, CM शिवराज ने जताया शोक

एमपी के खंडवा से बीजेपी सांसद नंद कुमार सिंह चौहान का निधन

Updated on: 02 Mar 2021, 10:29 AM

highlights

  • कोरोना के चलते हुए निधन
  • मेदांता में चल रहा था इलाज
  • सीएम शिवराज ने जताया शोक

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के खंडवा से बीजेपी सांसद नंद कुमार सिंह चौहान का कल देर रात दिल्ली के मेदांता अस्पताल में देहांत हो गया. जानकारी के मुताबिक वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इसके अलावा वे कोरोना से भी संक्रमित हो गए थे. मेदांता में गंभीर हालात में उनको वेंटीलेटर पर रखा गया था. बता दें कि 11 जनवरी को वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद उन्हें भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन वहां उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. यहां तकरीबन एक महीने से उनका इलाज चल रहा था. नंद कुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन ने भी उनके देहांत की पुष्टि कर दी है. उन्होंने मीडिया को बताया कि नंदकुमार सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शाम 4 बजे तक विमान से खंडवा लाया जाएगा, जहां से गृहग्राम शाहपुर ले जाया जाएगा. 

पीएम मोदी-सीएम शिवराज ने जताया शोक

पीएम मोदी ने भी नंद कुमार सिंह चौहान के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'खंडवा से लोकसभा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से दुखी हूं. उन्हें संसदीय कार्यवाही में योगदान, मध्य प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के लिए संगठनात्मक कौशल और प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.'

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नंद कुमार सिंह के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. शिवराज ने ट्वीट करके कहा कि हमारे लोकप्रिय नेता नंदू भैया हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नंदू भैया के रूप में एक आदर्श कार्यकर्ता, कुशल संगठक, समर्पित जननेता खो दिया. 

यह भी पढ़ें- गोडसे समर्थक के कांग्रेस प्रवेश पर पार्टी में थम नहीं रहा घमासान

राजनीतिक करियर
साल 1952 में एमपी के बुरहानपुर जिले के शाहपुर में जन्मे नंदकुमार सिंह चौहान ने परास्नातक करने के बाद राजनीति में अपना करियर बनाया. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ही बीजेपी के साथ की थी. साल 1978 में शाहपुर नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1983 में शाहपूर-बुरहानपुर अध्यक्ष रहे. क्षेत्र में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने साल 1985 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में उन्हें बुरहानपुर सीट से टिकट दी. इस सीट से जीतकर वे पहली बार विधानसभा पहुंचे. इस सीट से वे लगातार दो बार विधायक बने.

यह भी पढ़ें- गोडसे समर्थक के कांग्रेस प्रवेश पर पार्टी में थम नहीं रहा घमासान

सन 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें खंडवा से टिकट दिया. इस चुनाव में भी उन्होंने ही जीत हासिल की. हालांकि अटल सरकार के गिरने पर उन्होंने भी अपनी सीट से त्यागपत्र दे दिया था. साल 1998 में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी. खंड़वा सीट से वे सिर्फ साल 2009 में ही चुनाव हार थे. 2009 से पहले वे इस सीट से 4 बार जीतकर लोकसभा पहुंच चुके थे. और 2009 के बाद भी हुए दोनों लोकसभा चुनावों (2014 और 2019) में उन्होंने खंडवा सीट से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा वे मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2018 में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य कर सकें.