हाल ही में देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे लोगों और विपक्ष को जहां गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ा जवाब दिया था. वहीं मध्य प्रदेश के मैहर से बीजेपी विधायक ने अपनी पार्टी के खिलाफ सुर उठाते हुए सीएए का विराध किया है. बता दें 21 जनवरी को लखनऊ में सीएए (CAA) के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित हुए अमित शाह ने कहा था कि मैं लखनऊ की धरती से यह घोषणा करता हूं कि जिसे सीएए का विरोध करना है, करते रहे, ये सिटीजन बिल किसी भी कीमत पर अब वापस नहीं होगा.
इसके उलट मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाणी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी पर बात करने की जरूरत है. सीएए से माहौल खराब हो रहा है, देश में गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए हैं. जब प्रदेश में बीजेपी के शीर्ष नेता सीएए के समर्थन में जागरूकता रैली निकाल रहे हैं, ऐसे में बीजेपी विधायक का सीएए के विरोध में खुलकर बोलना पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ा करने वाला है.
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'ये मेरी निजी राय, पार्टी फोरम पर रखूंगा बात'
विधायक त्रिपाठी ने कहा, "मैं अपनी अंतर्रात्मा से सीएए का विरोध कर रहा हूं. इससे भाईचारा खत्म हो रहा है. लोग एक-दूसरे को संदेह से देख रहे हैं. हम पार्टी फोरम पर अपनी बात रखेंगे." उन्होंने कहा कि ये मेरी निजी राय है. सीएए वोट की राजनीति के लिए सही है, लेकिन देश के लिए नहीं.
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कहा- फाड़ कर फेंक देना चाहिए संविधान
बीजेपी विधायक ने कहा- "इस देश में बेरोजगारी पर बात करने की जरूरत है, न कि धर्म के आधार पर नागरिकता की. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि या तो आप संविधान के साथ हैं या विरोध में हैं और यदि संविधान के हिसाब से नहीं चलना है तो फाड़ कर फेंक देना चाहिए. मैं गांव से आता हूं और गांव में आज भी आधार कार्ड नहीं बन रहे तो बाकी कागज कहां से लाएंगे. ये मेरे दिल की आवाज है. देश को अगर आगे ले जाना है तो इस कानून को लागू नहीं करना चाहिए."
पहले भी रहे हैं चर्चा में
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी चर्चाओं में रहते हैं. जुलाई 2019 में विधानसभा में एक विधेयक को लेकर मतदान हुआ था, जिसमें उन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी. उन्होंने कहा था कि मैं कमलनाथ जी के विचारों से प्रभावित हूं. बाद में वह फिर से पार्टी में लौट आए थे. अब फिर से उनके तेवर और सुर बदल गए हैं इससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. नारायण त्रिपाठी का नाम हनीट्रैप मामले में पुलिस चार्जशीट में भी है. त्रिपाठी 2014 में बीजेपी में शामिल होने से पहले कांग्रेस के विधायक थे. अब देखना होगा कि बीजेपी विधायक का अपनी पार्टी के खिलाफ बयान देने के बाद बीजेपी और विपक्ष इसे कैसे लेते हैं.
Source : News State