logo-image

मध्यप्रदेश के चंबल-ग्वालियर क्षेत्र को बड़ी सौगात, नितिन गडकरी ने किया यह ऐलान

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने है, उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं.

Updated on: 11 Jun 2020, 12:10 PM

भोपाल:

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मध्यप्रदेश के चंबल-ग्वालियर क्षेत्र को बड़ी सौगात देते हुए बुधवार को ऐलान किया कि यदि राज्य सरकार 'चंबल एक्सप्रेस वे' के लिए तीन महीने में भूमि अधिग्रहण कर लेती है तो केन्द्र भूमि पूजन कर इस पर कार्य शुरू कर देगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस 'एक्सप्रेस वे' के दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर, फूड क्लस्टर एवं अलग-अलग प्रकार के क्लस्टर बनाएंगे, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असंभव को संभव कर दिखाया, वर्चुअल रैली में बोले शिवराज सिंह चौहान

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने है, उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं. उपचुनाव के नतीजे भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके नतीजे इन दोनों दलों में से किसी को भी सत्ता में बिठा सकती है.

भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश जन संवाद डिजिटल रैली को नागपुर से संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, 'मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी जब फिर से मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने चंबल हाइवे एक्सप्रेस बनाने की बात मुझसे की. नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने मुझसे बार-बार कहा कि मेरे क्षेत्र में यह विकास का मार्ग बन सकता है.'

यह भी पढ़ें: कटनी के वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता भी कोरोना वायरस की चपेट में, दिग्‍विजय सिंह भी आए थे संपर्क में

उन्होंने आगे कहा, 'शिवराज जी आप भूमि अधिग्रहण का काम पूरा करें. अगर आपने...भूमि देने का काम तीन महीने के अंदर कर दिया, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि इसके भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्रीव नरेन्द्र मोदी को बुलाकर हाइवे के कार्य का हम शुभारंभ करेंगे. ये आपको वचन देता हूं.'

उन्होंने कहा कि एक समय डकैती के लिए प्रसिद्ध चंबल क्षेत्र में लाखों नौजवानों को रोजगार मिलेगा. शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल में ‘चंबल एक्सप्रेस वे’ बनाने का फ़ैसला लिया गया था. लेकिन वर्ष 2018 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.

यह वीडियो देखें: