युवती के मोबाइल में 'आ हो' नाम से Save था भय्यू जी महाराज का नंबर, करती थी अश्‍लील बातें

मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज आत्महत्या केस में उनके घर पर कब्जा जमाने वाली युवती ने महाराज के नंबर 'आ हो' नाम से सेव कर रखे थे.

मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज आत्महत्या केस में उनके घर पर कब्जा जमाने वाली युवती ने महाराज के नंबर 'आ हो' नाम से सेव कर रखे थे.

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Drigraj Madheshia
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युवती के मोबाइल में 'आ हो' नाम से Save था भय्यू जी महाराज का नंबर, करती थी अश्‍लील बातें

भय्यू महाराज का फाइल फोटो

मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज आत्महत्या केस में उनके घर पर कब्जा जमाने वाली युवती ने महाराज के नंबर 'आ हो' नाम से सेव कर रखे थे. 'आ हो' आमतौर पर पति के संबोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. पुलिस ने युवती के मोबाइल (Mobile) का डिलीट डेटा का Backup लिया तो इस बात के सुबूत मिले कि दोनों अश्लील बातें करते थे. पुलिस ने भय्यू जी महाराज के 7 मोबाइल भी बरामद किए जिनका डेटा डिलीट हो चुका है. 

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DIG हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि भय्यू महाराज और युवती में अंतरंग संबंध थे. युवती और सेवादार विनायक भी एक-दूसरे को मैसेज करते थे, जिसमें युवती ने कई बार पूछा कि 'भाई अपन प्लान में सफल हो पाएंगे कि नहीं'. इस पर विनायक युवती को प्लान सफल होने का विश्वास दिलाता था. इस जानकारी के बाद मंगलवार को एक टीम महाराज के घर 'शिवनेरी' पहुंची. यहां पुलिस ने भय्यू जी की पत्नी आयुषी, सेवादार पीडी उर्फ प्रवीण देशमुख और बहन रेणु, मोनू से पूछताछ की.

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महाराज की छोटी बहन मोनू उर्फ अनुराधा (52) के मुताबिक, विनायक महाराज को अकेला देखते ही युवती को फोन कर देता था. उन पर दबाव बनाकर बात करवाता था. शेखर और विनायक महाराज को परिवार से भी दूर करना चाहते थे. विनायक युवती को घर की मालकिन बनाने का षड्यंत्र रच रहा था.

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मोनू ने कहा कि आत्महत्या के पीछे युवती, विनायक, शरद देशमुख और शेखर पंडित का हाथ है. युवती ने पूरे घर में कब्जा जमा लिया था. वह नौकरों पर ऐसे हुक्म चलाती थी, जैसे महाराज की पत्नी हो. जब महाराज आयुषी से शादी कर रहे थे, तो विनायक ने युवती को घर बुला लिया. बता दें भय्यू महाराज (50) ने अपने बाइपास रोड स्थित बंगले में 12 जून को लायसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

बता दें भैय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदयसिंह देखमुख था, वे एक जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे. एक संत के तौर पर उन्हें लोकप्रियता हासिल थी.  संत बनने से पहले एक शूटिंग-शर्टिंग ब्रांड के लिए पोस्टर मॉडलिंग भी कर चुके थे. वो आध्यात्मिक गुरु होने के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति में भी गहरी पैठ रखते थे.

Source : News Nation Bureau

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