मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं. वहां वह कांग्रेस के कुछ विधायकों के लापता होने के बाद की रणनीति पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा करेंगे. भोपाल रवाना होने से पहले दिग्विजय सिंह ने कहा, "चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है."
कांग्रेस के एक अन्य नेता ने हालांकि कहा कि भाजपा मप्र में कर्नाटक जैसा 'ऑपरेशन कमल' चला रही है और 'हमें साथ में रहना होगा.' कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों को 24 से 30 करोड़ रुपये की भारी राशि का प्रस्ताव दे रही है.
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कांग्रेस के चार विधायकों समेत सात विधायक मानेसर स्थित आईटीसी होटल में कड़ी सुरक्षा में मौजूद हैं. मंगलवार आधी रात को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की बागी विधायक रमा बाई कांग्रेस में लौट आईं. रात लगभग दो बजे कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह हरियाणा स्थित एक लग्जरी होटल में पहुंच गए और निलंबित बसपा विधायक रमा बाई को वापस ले आए. जीतू और जयवर्धन कमलनाथ सरकार में मंत्री हैं.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस विधायक बिशुलाल सिंह से भी संपर्क कर लिया गया है लेकिन अभी तक वे लौटे नहीं हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा, "हमें जब पता चला तो हमने विधायक वापस लेने की कोशिश की और रमा बाई लौट आईं वहीं अन्य विधायक लौटना चाहते हैं, लेकिन भाजपा उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है."
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस यह मुद्दा संसद में भी उठाएगी.
मप्र की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 सदस्य हैं और बसपा के दो, समाजवादी पार्टी (सपा) के एक तथा चार निर्दलीय विधायकों की मदद से उसने सरकार बनाई. दो विधायकों के निधन के बाद दो सीटें खाली हैं. भाजपा के पास 107 सीटें हैं.
Source : News State