मध्य प्रदेश में गहराए सियासी संकट को निपटाने के लिए कांग्रेस ने तीन बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. प्रदेश महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को भोपाल भेजा है तो वहीं मुकुल वासनिक व हरीश रावत को जयपुर भेजा गया है. बावरिया ने बुधवार की रात को भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य नेताओं से वर्तमान राजनीतिक हालात और राज्यसभा के उम्मीदवारों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. राज्य के प्रमुख नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने और 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद से सरकार संकट में पड़ गई है. सिंधिया समर्थक 19 विधायक बेंगलुरु में है और उनका सिंधिया के साथ समर्थन बना हुआ है. इस राजनीतिक संकट ने सरकार को तो मुश्किल में तो डाला ही है साथ में राज्यसभा की सिर्फ एक सीट ही मिलने के आसार बचे हैं.
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है, "कांग्रेस द्वारा बेंगलुरु गए विधायकों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए दो मंत्रियों को बेंगलुरु भी भेजा गया था. वहीं कर्नाटक के एक वरिष्ठ नेता को भी इन विधायकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी गई है."
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वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी बावरिया, बुधवार की रात को भोपाल भेजा गया है. तीनों नेता पार्टी की ओर से किसे राज्यसभा में भेजा जाए, इस पर विचार कर रहे हैं. राज्यसभा के लिए किन दो नेताओं को मैदान में उतारा जाए, इस पर विचार जारी है.
एक तरफ जहां बावरिया भोपाल पहुंचे हैं, वहीं मुकुल वासनिक और हरीश रावत को जयपुर भेजा गया है. दोनों ही नेता भोपाल से जयपुर लाए गए विधायकों से चर्चा कर रहे हैं. इसके साथ ही सभी विधायकों से कहा गया है कि बैंगलुरु जो विधायक गए हैं उनसे भी वे अपने पूर्व के संबंधों के आधार पर चर्चा करें.
कांग्रेस हाईकमान ने बुधवार की सुबह तय किया था कि तीनों नेताओं को भोपाल भेजा जाए, मगर सियासी हलचल के बीच इसमें बदलाव किया गया. बावरिया को भोपाल भेजा गया है वहीं मुकल वासनिक व हरीश रावत को जयपुर भेजा गया .
Source : News State