क्या वाकई आजाद हैं मप्र के विधायक? या फिर महज दिखावा का दौर जारी है

कई विधायकों का राजधानी से लगभग 40 किलोमीटर दूर ग्रसेस होटल में जमावड़ा है.

कई विधायकों का राजधानी से लगभग 40 किलोमीटर दूर ग्रसेस होटल में जमावड़ा है.

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yogesh bhadauriya
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Kamalnath-Shivraj

प्रतिकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

मध्य प्रदेश के विधायक इन दिनों अपने घरों पर नहीं हैं. अधिकांश का ठिकाना होटल और रिसॉर्ट हैं. कोई बेंगलुरु में डेरा डाले है, तो किसी का भोपाल के मेरियट होटल में बसेरा है. कई विधायकों का राजधानी से लगभग 40 किलोमीटर दूर ग्रसेस होटल में जमावड़ा है. राजनीतिक दल वीडियो जारी कर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि, विधायक आजाद हैं. फिर भी सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में ये विधायक आजाद हैं भी या नहीं.

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राज्य में लगभग एक पखवाड़े से विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लग रहे हैं. इतना ही नहीं विधायकों को दिल्ली, बेंगलुरु तक ले जाने की अभियान चले हैं. वर्तमान में लगभग 200 विधायक भोपाल और भोपाल के बाहर के होटलों में जमे हुए हैं.

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तो लगता है कि कमलनाथ सरकार इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है क्योंकि उसके 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से छह विधायकों के इस्तीफे तो विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर भी कर लिए गए हैं. यह सभी विधायक बेंगलुरु के एक रिसार्ट में डेरा डाले हुए हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने इन विधायकों को बंधक बना रखा है, वही दूसरी ओर इन विधायकों द्वारा लगातार वीडियो संदेश जारी किए जा रहे हैं. इन वीडियो में रिसोर्ट के अंदर बैडमिंटन खेलने, फुटबाल खेलने से लेकर संगीत की महफिल जमी होने तक का खुलासा कर रहे हैं और विधायकों ने दावा किया है कि वे बंद नहीं स्वतंत्र हैं और अपनी मर्जी से आए हैं.

एक तरफ जहां बेंगलुरु में विधायकों का जमावड़ा है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने विधायकों को भोपाल के मैरियट होटल में रखा है. पहले इन विधायकों को भोपाल से जयपुर ले जाया गया था और उसके बाद अब विधायक भोपाल में है. यह सभी विधायक एक ही होटल में है और उन्हें जब कहीं दूसरी जगह ले जाया जाता है तो बसों का सहारा लिया जाता है. यह बात अलग है कि विधायक सामने आकर मीडिया से भी बात कह रहे हैं और होटल के अंदर उत्सव करते भी नजर आते हैं. वीडियो केा लगातार वायरल किया जा रहा है कि विधायक पूरी तरह स्वतंत्र है.

कांग्रेस के विधायकों के पूरी तरह स्वतंत्र होने का दावा राज्य के जनसंपर्क मंत्री शर्मा भी करते हैं. उनका कहना है, "हमारे विधायक पूरी तरह स्वतंत्र हैं. वहीं भाजपा ने अपने विधायकों को होटल में कैद कर रखा है. भाजपा के नेता इतने डरे हुए हैं कि वे रिसर्ट में उपस्थित विधायकों की गिनती तक पूरी नहीं कर पा रहे हैं."

इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिशें जारी रखी हैं. यही कारण रहा कि भाजपा पहले अपने विधायकों को भोपाल से मानेसर ले गई और वहां के रेसोर्ट में रोका गया. विधायकों को विधानसभा सत्र के लिए भोपाल वापस लाया गया और अब इन विधायकों को राजधानी से लगभग 40 किलोमीटर दूर सीहोर के ग्रेसेस होटल में रोका गया है. इन विधायकों से कोई बाहरी आदमी जाकर मुलाकात नहीं कर सकता, मगर विधायकों के क्रिकेट खेलने, मौज मस्ती करने के वीडियो वायरल किए जा रहे हैं.

विधायकों को होटल में रखे जाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि भाजपा के विधायक पूरी तरह आराम से हैं और जनता भी आराम से है. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय का कहना है, "कांग्रेस सिर्फ बयानों को जारी करने तक सीमित है. वह तो सिर्फ लोगों केा भ्रमित करने की कोशिश कर रही है मगर उसमें वह सफल नहीं होने वाली है."

Source : News State

MP News
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