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कांग्रेस के एक अन्य लापता विधायक भोपाल पहुंचे, कहा मुझे बंधक नहीं बनाया गया

विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसी के साथ दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इन विधायकों का भाजपा नेताओं द्वारा अपहरण कर हरियाणा के गुरूग्राम में ले जाने एवं पैसा देकर खरीद-फरोख्त करने के आरोप झूठे साबित हुए हैं.’’

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Sushil Kumar
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Madhya Pradesh politics

कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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मध्यप्रदेश सरकार को अस्थिर करने के भाजपा पर लगे आरोपों के सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह रविवार शाम बेंगलुरू से भोपाल पहुंचे और कहा कि मुझे न तो किसी ने बंधक बनाया था और न ही पैसे दिये जाने की पेशकश हुई है . गौरतलब है कि इसी के साथ ही गायब हुए 10 में से आठ विधायक अब तक भोपाल वापस आ चुके हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके निवास पर मिलने के बाद अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के 65 वर्षीय आदिवासी विधायक सिंह ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘मुझे किसी ने बंधक नहीं बनाया था और न ही मुझे भाजपा से पैसे का कोई आफर मिला था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं तीर्थ यात्रा पर दक्षिण भारत गया था. मैं वहां मंदिरों में गया था.’’ पांच बार विधायक रहे सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार से मेरी नाराजगी है, क्योंकि मुझसे कम अनुभव वालों को कमलनाथ सरकार में मंत्री बनाया गया है.

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दिग्विजय सिंह जी को संकट में डालने के लिए घर से निकला था

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे आश्वासन मिला है कि मेरी विधानसभा क्षेत्र के विकास के काम नहीं रूकेंगे. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि तीर्थयात्रा पर गये क्यों थे, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जी को संकट में डालने के लिए घर से निकला था.’’ सिंह से पहले वापस आये अन्य सभी सातों विधायकों ने भी कहा था कि उन्हें भाजपा से पैसे का कोई आफर नहीं मिला था और न ही उन्हें किसी ने बंधक बनाया था. वे अपने-अपने काम से भोपाल से बाहर गये थे. वहीं, सिंह सहित वापस आये आठ विधायकों के बयानों से खुश होकर मध्यप्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘हमारा कहना सत्य था कि इन विधायकों के गायब होने में भाजपा को कोई लेना-देना नहीं है.’’

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ख्यमंत्री कमलनाथ रविवार रात भोपाल से दिल्ली रवाना हो गये

विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसी के साथ दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इन विधायकों का भाजपा नेताओं द्वारा अपहरण कर हरियाणा के गुरूग्राम में ले जाने एवं पैसा देकर खरीद-फरोख्त करने के आरोप झूठे साबित हुए हैं.’’ इसी बीच, मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार रात भोपाल से दिल्ली रवाना हो गये हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि वह पार्टी आलाकमान से अपनी कैबिनेट विस्तार करने के बारे में चर्चा करने के लिए वहां गये हैं. इसी के साथ माना जा रहा है कि पिछले छह दिनों से मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट से जूझ रही कांग्रेस अब उबर गई है. विधायक बिसाहूलाल सिंह को पिछले छह दिन से ‘लापता’ बताया जा रहा था और उनके परिजनों ने भोपाल पुलिस में उनकी गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज करायी थी . वह बेंगलुरू से एक निजी एयरलाइन की नियमित उड़ान से इंदौर पहुंचे और वहां से राज्य सरकार के विमान से भोपाल आये. उन्हें सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर ले जाया गया.

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मंगलवार को 10 विधायक गायब हो गये थे,

इस सफर में मध्यप्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल भी उनके साथ थे. गायब हुए 10 विधायकों में से अब केवल कांग्रेस के दो विधायक हरदीप सिंह डंग एवं रघुराज कंसाना ही बचे हैं, जो अब तक गायब हैं. माना जा रहा है कि वे वर्तमान में बेंगलुरू में हैं. इसी बीच, मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘बाकी दोनों विधायकों को भी जल्द ही वापस लाया जाएगा.’’ मालूम हो कि मंगलवार को 10 विधायक गायब हो गये थे, जिनमें दो बसपा, एक सपा, एक निर्दलीय एवं बाकी कांग्रेस के विधायक थे. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता इन विधायकों को हरियाणा के एक होटल में ले गये हैं और कमलनाथ की सरकार को गिराने के लिए उन्हें करोड़ों रूपये का आफर दे रहे हैं. हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच चल रही अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है.

इसके बाद प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से आठ विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है. इनमें से छह विधायकों को वह दिल्ली से और दो विधायकों को बेंगलुरू से वापस भोपाल लेकर आयी है . इससे पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने इंदौर में रविवार शाम को बताया था कि विधायक बिसाहूलाल सिंह बेंगलुरू से एक निजी एयरलाइन की नियमित उड़ान से इंदौर पहुंचे. इस सफर में सूबे के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल भी उनके साथ थे. सलूजा ने बताया कि इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर उतरने के तत्काल बाद सिंह राज्य सरकार के विमान से भोपाल रवाना हो गये. सूबे के गृह मंत्री बाला बच्चन उनके आगमन से पहले ही हवाई अड्डे के भीतर पहुंच चुके थे. बच्चन भी सिंह और बघेल के साथ सरकारी विमान से भोपाल के लिये निकल गये. उन्होंने आरोप लगाया कि बिसाहूलाल सिंह पिछले तीन दिनों से बेंगलुरू में "भाजपा के चंगुल में" फंसे हुए थे.

सलूजा ने दावा किया, "बिसाहू लाल सिंह का कहना है कि वह शुरू से ही कांग्रेस के साथ हैं और कमलनाथ सरकार को आगे भी समर्थन देते रहेंगे." भोपाल के लिये रवाना होने से पहले, राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने इंदौर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, "प्रदेश में हमारी सरकार जिस दिन से बनी है, तभी से बौखलायी भाजपा इसे गिराने का षड़यंत्र रच रही है. लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ यह साजिश कभी कामयाब नहीं होने देंगे और हमारी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी." पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक बिसाहूलाल सिंह के पुत्र तेजभान सिंह ने उनके लापता होने की शिकायत पांच मार्च को भोपाल के टीटी नगर थाने में दर्ज करायी थी. शिकायत के अनुसार कांग्रेस विधायक दो मार्च की शाम से लापता थे और उनका मोबाइल फोन भी बंद था.

विधायक के पुत्र ने पुलिस को बताया कि उनके पिता दो मार्च की शाम पांच बजे भोपाल के मालवीय नगर स्थित अपने घर से यह कहकर निकले थे कि वह छत्तीसगढ़ के रायपुर जा रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं. इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं. कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है. 

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