Crime news: ग्वालियर में पिछले 6 साल से बेरोजगार बैठे एक कंप्यूटर इंजीनियर ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली और सदमे में उसकी मां की भी मौत हो गई. पिता ने पढ़े-लिखे बेटे से कहा था कि नौकरी नहीं है तो चाय का ठेला लगा ले लेकिन इंजीनियर बेटे ने इससे इनकार कर दिया. बेटा बेरोजगारी की भेंट चढ़ गया.
आज के युग को कंप्यूटर का युग कहा जा रहा है. हर काम कंप्यूटर से होने लगे हैं. 6 साल से बेरोजगार बैठे कंप्यूटर इंजीनियर मनीष राजपूत ने नौकरी न मिलने के कारण खुदकुशी कर ली . पढ़ा-लिखा बेटा बेरोजगारी की हालत में दर-दर भटक रहा था. यह सोचकर उसकी मां भी दुखी थी. लोगों के ताने सुन सुन कर मनीष डिप्रेशन में था.
नौकरी न मिल पाने के कारण अपने सर्टिफिकेट भी फाड़ दिए
एक बार तो उसने नौकरी न मिल पाने के कारण अपने सर्टिफिकेट भी फाड़ दिए थे. लेकिन उम्मीद की किरण दिखाई दी तो उसने डुप्लीकेट मार्कशीट फिर से निकलवा ली. नौकरी के लिए लगातार संघर्ष करने के बावजूद मनीष को जॉब नहीं मिली. आखिरकार मनीष पढ़ा-लिखा होने के बावजूद हिम्मत हार गया और उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सिर्फ इतना ही नहीं, बेटे के गम में 71 साल की मां ने भी दम तोड़ दिया.
मां राधा राजपूत सदमे में आ गई
दरअसल, ग्वालियर थाना क्षेत्र के गौसपुर नं. 1 में रहने वाले मनीष राजपूत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब की तलाश में था. लेकिन उसकी कहीं जॉब नही लग रही थी. इसलिए मनीष परेशान चल रहा था. इसी दौरान शनिवार की देर रात मनीष ने जहर खा लिया था. जब परिवार के लोगों को पता चला तो उसे तत्काल सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टर ने उसकी हालत सीरियस होने के चलते जयारोग्य अस्पताल में भेज दिया था. वहां इलाज के दौरान मनीष ने दम तोड़ दिया. मनीष की मौत की खबर मिलते ही मां राधा राजपूत सदमे में आ गई और उसने भी दम तोड़ दिया.