इस देश के प्रधानमंत्री भले ही नरेंद्र मोदी हों लेकिन मध्य प्रदेश के स्कूली बच्चों और उनके अध्यापकों का सामान्य ज्ञान कुछ और ही कहता है. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा की बदहाली का आलम यह है कि टीचरों को सामान्य ज्ञान की जानकारी नहीं है. आइए पहले यह जानें कि हमारे रिपोर्ट ने जा सवाल किया उसके क्या जवाब मिले..
रिपोर्टर-प्रधानमंत्री का नाम पता है?
टीचर- कमलनाथ
रिपोर्टर- देश के राष्ट्रपति कौन है?
टीचर- प्रणब मुखर्जी
रिपोर्टर- एमपी के सीएम का नाम पता है?
टीचर- कमलनाथ
रिपोर्टर- रक्षा मंत्री का नाम पता है?
टीचर- नहीं
रिपोर्ट- बालाघाट के कलेक्टर का नाम पता है?
टीचर- नहीं
रिपोर्टर-जिला शिक्षा अधिकारी कौन है?
टीचर- नहीं पता
रिपोर्टर- रक्षा मंत्री का नाम पता है?
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रिपोर्टर- शिक्षा अधिकारी का नाम क्या है ?
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दरअसल यह हालात बिरसा विकासखंड के नक्सल प्रभावित सोनगुड्डा के हाइस्कूल की है. यहां के टीचरों से जब बात की गई और सामान्य ज्ञान के कुछ प्रश्न पूछे गए तो एक महिला टीचर को छोड़कर किसी भी टीचर और छात्र छात्राओं ने पूरे सवाल हल नहीं कर पाए . सवाल भी ऐसे जिसकी जानकारी स्कूल के एक दीवार पर अंकित है जिसमें देश के राष्ट्रपति से लेकर स्कूल के बीआरसी तक की जानकारी स्पष्ट लिखी हुई . लगभग सभी टीचर देश के राष्ट्रपति का नाम नहीं जानते .
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दो ने बताया भी तो कहा प्रणब मुखर्जी . जिले के कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, मप्र के सीएम आदि ऐसे साधारण सवाल थे जिनका जवाब संतोषजनक नहीं था . स्कूल में बच्चों की उपस्थिति भी कम देखी गई . ज्यादातर शिक्षक गेस्ट फेकल्टी के थे . जब टीचरों के सामान्य ज्ञान का ये हाल है तो बच्चों का हाल तो बदहाल होना ही है .
चूंकि यह स्कूल जनजातीय कार्य विभाग के अधीन है तो हमने सहायक आयुक्त सुधांशु वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि सामान्य ज्ञान तो सभी को होना चाहिए . स्कूल में ज्यादातर शिक्षक गेस्ट फेकल्टी के हैं . नियमित नही . नियमित शिक्षकों की भर्ती हो जाएगी तो व्यवस्था में सुधार आ जायेगा .
Source : News Nation Bureau