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Agar by election: आगर सीट पर क्या बीजेपी की जीत रहेगी कायम

एमपी में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों के लिए ये उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है. इस कड़ी में हम बात करेंगे आगर सीट के बारे में.

Updated on: 02 Nov 2020, 04:15 PM

आगर:

मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव का प्रचार रविवार को थम गया है. 3 नवंबर को इन सभी सीटों पर मतदान होना है. प्रदेश के इन उपचुनाव में 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है लेकिन कुछ सीटों पर मायावती के नेतृत्व वाली बसपा एवं कुछ अन्य छोटे राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं. एमपी में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों के लिए ये उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है. इस कड़ी में हम बात करेंगे आगर सीट के बारे में.

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आगर सीट का चुनावी समीकरण-

आगर सीट विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई है. आगर विधानसभा में 2 लाख 17 हजार 335 मतदाता फैसला करेंगे कि उनका अगला विधायक कौन होगा,  वोटिंग के लिए यहां 333 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. आगर विधानसभा पर जनसंघ के जमाने से बीजेपी का दबदबा रहा है. इस बार कांग्रेस के विपिन वानखेड़े और मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज उर्फ बंटी ऊंटवाल के बीच होगा.

आगर सीट पर 2003 से बीजेपी का कब्जा है. 2013 के चुनाव बीजेपी यहां से जीतकर आई थी और मनोहर उंटवाल आगर सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के माधव सिंह को 28 हजार से ज्यादा वोटों से मात दिया था. मनोहर उंटवाल को 83726 वोट हासिल हुए थे तो वहीं कांग्रेस के माधव सिंह को 54867 वोट  प्राप्त हुए थे.

विधानसभा में करीब 60 हजार मतदाता अनुसूचित जाति के है. सबसे अधिक मतदाता करीब 1 लाख 10 हजार अन्य पिछ़डा वर्ग के हैं. जिनमें आधी संख्या सौंधिया समाज और अन्य जातियों में यादव, बंजारा, गुर्जर समाज की है. अल्पसंख्यक समाज के करीब 12 हजार मतदाता हैं. इसके अलावा ब्राह्मण और जैन समाज के मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं.