मध्य प्रदेश के सतना जिले के सभापुर थाना क्षेत्र के पगार गांव के श्रीधर कुशवाहा के घर रविवार रात दीपावली थी. हो भी क्यों नहीं, श्रीधर आखिर 8 साल बाद मलेशिया में बंधक रहने के बाद घर जो लौटे थे. अगर विदेश मंत्रालय ने पहल नहीं की होती तो श्रीधर का वहां से वतन लौटना नामुमकिन था.
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अच्छी नौकरी की तलाश में श्रीधर अंतराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह के हत्थे चढ़ गया था. परिजनों के मुताबिक 8 साल पहले वह घर से चेन्नई काम की तलाश में गया था. जहां पर वह किसी शख्स के झांसे में आकर विदेश में अच्छी नौकरी के लालच में मलेशिया चला गया.
यहां पर उसे एक फर्म में बन्धक बना लिया गया और उसका वीजा और पासपोर्ट छीन लिया गया. श्रीधर से यहां दिन-रात जबरिया काम कराया जा रहा था. परिजनों से कभी कभार बात तो करा दी जाती थी लेकिनआने नहीं दिया जा रहा था.
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इसके बाद परिजनों ने भोपाल से दिल्ली तक दौड़ लगाई. सोशल मीडिया के जरिए बात पहुंची विदेश मंत्रालय. विदेश मंत्रालय हरकत में आया. 6 दिन पहले उसे छुड़ाकर शेल्टर होम में रखा गया और कानूनी प्रक्रिया के तहत दस्तावेज़ तैयार गया. श्रीधर को मलेशिया भारतीय दूतावास से शुक्रवार को फ्लाइट से कोलकाता भेजा गया. कोलकाता से वह हावड़ा मुम्बई मेल ट्रेन से कल रात में सतना आया.
Source : News Nation Bureau