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ग्वालियर में मिलावटखोरी के काले कारोबार पर एक्शन, 13 दिन में 243 सैंपल लिए गए

ग्वालियर चंबल अंचल में धड़ल्ले से चल रहा मिलावटखोरी के काले कारोबार अब नकेल कसी जा रही है.

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Dalchand Kumar
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ग्वालियर में मिलावटखोरी के काले कारोबार पर एक्शन, 13 दिन में 243 सैंपल लिए गए

फाइल फोटो

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ग्वालियर चंबल अंचल में धड़ल्ले से चल रहा मिलावटखोरी के काले कारोबार अब नकेल कसी जा रही है. नज़ारा एक तरह से शुद्ध का युद्ध जैसा बना हुआ है. दूध और उसके उत्पादों की मिलावट चोरों के खिलाफ प्रदेश में चल रहे अभियान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई भी शुरू हो गई है. ग्वालियर चंबल अंचल में 13 दिन में 243 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन जांच के लिए सिर्फ 130 ही भेजें हैं. सिंथेटिक दूध , मावा और पनीर के कारोबारियों के खिलाफ संभाग में 19 जुलाई से शुरू हुई कार्रवाई का अभियान अभी भी चल रहा है. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत इस बार कोई कार्रवाई नजर नहीं हुई है. ग्वालियर में तेल कारोबारी के यहां सैंपलिंग और एक पानी का प्लांट सील करने की कार्रवाई हुई. मुरैना, भिंड, दतिया और श्योपुर में काली कारोबार पर कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में रिफाइंडा, केमिकल, मिल्क पाउडर, क्लोरोफॉर्म, ऑक्सीटॉसिन, तेल जैसी चीजें पाईं गई.

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3 दिन पहले प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने ग्वालियर चंबल के आईजी और कमिश्नर को बुलाकर सख्त हिदायत दी थी कि निर्दोष पकड़ा ना जाए और दोषी छूटना नहीं चाहिए. जरूरत पड़े तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की भी कार्रवाई की जाए. इसके बाद प्रशासन ही नहीं पुलिस भी सख्त लहजे में नजर आई. ग्वालियर आईजी राजा बाबू सिंह का कहना है कि फूड विभाग अभी तक जो कार्रवाई करता था, उसमें पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन नहीं था. अब फूड विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई और जब्ती की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वैधानिक कार्रवाई सही तरीके से की जा सके. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है किस ज्यादातर लोग मिलावट से परेशान हैं, लेकिन किसी के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती. यह देख जनता का भरोसा और विश्वास भी टूट रहा था और लोगों में बीमारियां बढ़ती जा रही थी. अब इस तरह की कार्रवाई के बाद लोगों का विश्वास बढ़ा है और प्रशासन ने यह कहा है कि कहीं भी मिलावट की सामग्री पाई जाए तो उसके खिलाफ तुरंत प्रशासन, पुलिस का फूड विभाग को सूचित करें. 

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ग्वालियर जिले में दूध से बने फुटपाथ और सरसों के तेल के साथ रिफाइंड तेल में मिलावट का कारोबार भी फल-फूल रहा है. शहर के आसपास के जिलों में कई स्थानों पर सरसों के तेल में मिलावट कर इसे पैक कर लूज में बेचा जा रहा है. सरसों के तेल में 30 से 40 फ़ीसदी तक का पाम ऑइल की मिलावट की जा रही है, जो फ्रिज में रखते ही वनस्पति घी की तरह जम रहा है. जिला प्रशासन की टीम ने दाल बाजार और मैना वाली गली में चल रहे तेल कारोबारी मनीष ट्रेडिंग कंपनी के यहां छापा मारा जांच के दौरान टीम ने देखा की मौके पर एमटीसी गोल्ड ब्रांड के नाम से तेल की पैकिंग तैयार कराई जा रही है. जबकि इस ब्रांड का तेल तैयार कराए जाने का लाइसेंस मिल मालिक मनीष कुमार बलेचा के पास नहीं था. इस कार्यवाई के दौरान प्रशासनिक टीम को सरसों के तेल से भरे 500ml के 41 कार्टून 1 लीटर के 80, पांच लीटर के तीन और 15 लीटर के साथ 60 टीन और ड्रमों में खुला तेल जप्त किया. हालांकि कार्रवाई के दौरान अभी किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है.

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Synthetic milk Gwalior madhya-pradesh
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