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एक आंख की रौशनी गई, फेफड़े हुए बेकार, फिर भी लड़ी भोपाल गैस पीड़ितों के हक की लड़ाई

भोपाल गैस (Bhopal Gas Tragedy) पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले अब्दुल जब्बार (Abdul Jabbar) का गुरुवार की देर रात को निधन हो गया. वे बीते कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

Updated on: 15 Nov 2019, 11:39 AM

भोपाल:

भोपाल गैस (Bhopal Gas Tragedy) पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले अब्दुल जब्बार (Abdul Jabbar) का गुरुवार की देर रात को निधन हो गया. वे बीते कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी (Union Carbide Factory) से दो दिसंबर 1984 की रात को रिसी जहरीली मिथाइल आइसोसाएनेट गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी.

अब्दुल जब्बार ने इस त्रासदी में अपने माता-पिता को खो दिया था. इस गैस का उनके फेफड़ों और आंखों पर भी गंभीर असर हुआ था. वे भी बीमरियों की जद में आ गए थे, उन्हें एक आंख से कम दिखाई देता था.

CM ने किया मदद का ऐलान
गैस पीड़ितों के नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले अब्दुल जब्बार रक्तचाप और शुगर की बीमारी से पीड़ित थे. पिछले दिनों उन्हें भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार की रात को उनका निधन हो गया. गुरुवार दोपहर को ही राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने जब्बार के इलाज के लिए हर संभव मदद का ऐलान किया था. उन्हें मुंबई भेजे जाने की तैयारी चल रही थी, उसी बीच देर रात को उनके निधन की खबर आई.

अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने में कसर नहीं छोड़ी. पीड़ित परिवारों की महिलाओं के लिए भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन बनाया. इसके जरिए महिलाओं को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने का अभियान जारी रखा.