फांसी रोकने वाले सीलिंग फैन का आविष्कार, अब पंखे से लटककर नहीं मरेगा कोई!

एक डॉक्टर ने ऐसा यंत्र बनाया है, जिसके जरिए यदि कोई शख्स पंखे से लटक कर आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह पंखे से लटक तो जाएगा, लेकिन उसकी मौत नहीं होगी.

एक डॉक्टर ने ऐसा यंत्र बनाया है, जिसके जरिए यदि कोई शख्स पंखे से लटक कर आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह पंखे से लटक तो जाएगा, लेकिन उसकी मौत नहीं होगी.

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Dalchand Kumar
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प्रतीकात्मक तस्वीर

जब इंसान को ऐसा लगता है कि उसके लिए सारे दरवाजे बंद हो गए हैं तो वह अपने लिए मौत का दरवाजा खोल लेता है. लेकिन अगर आत्महत्या करने के दौरान शख्स को चंद पलों के लिए रोक लिया जाए तो व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर पाता. इसीलिए जबलपुर के एक डॉक्टर ने ऐसा यंत्र बनाया है, जिसके जरिए यदि कोई शख्स पंखे से लटक कर आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह पंखे से लटक तो जाएगा, लेकिन उसकी मौत नहीं होगी.

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आत्महत्या करने के लिए लोग वैसे तो बहुत सारे तरीके अपनाते हैं, लेकिन अमूमन यह देखा जाता है कि अधिकांश मामले सीलिंग फैन से लटककर खुदकुशी करने के आते हैं. लेकिन अब ऐसा करना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि जबलपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ और मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ आर एस शर्मा ने एक ऐसे यंत्र का अविष्कार किया है, जिसे पंखे में लगाने से पंखे से लटकने वाले शख्स की मौत नहीं हो पाएगी. डॉ आर एस शर्मा के यंत्र को भारत सरकार के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी विभाग से पेटेंट मिल गया है.

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एम्स नई दिल्ली से प्रदेश के पहले डीएम ऑडियोलॉजिस्ट डॉ शर्मा ने करीब 6 साल पहले इस यंत्र को डिजाइन किया था, जिसमें ऐसे फीचर मौजूद हैं कि सीलिंग फैन के सहारे फांसी पर झूलते ही पंखा नीचे आ जाएगा और फांसी लगाने वाले शख्स के पैर जमीन पर आ जाएंगे. इससे असमय मौत को टाला जा सकेगा. डॉक्टर शर्मा बताते हैं कि 6 साल पहले उनके सामने एक घटना आई. जिसमें एक पिता ने अपने बेटे के कमरे में सीलिंग फैन केवल इसीलिए लगवाया था कि उसे गर्मी ना लगे, लेकिन अपने पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के चलते बेटे ने उसी पंखे से लटककर फांसी लगा ली. इस घटना ने डॉक्टर शर्मा को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने इस यंत्र को बनाने की ठान ली.

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पिछले कुछ सालों में आत्महत्या के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. जबलपुर जिले की बात कर लें तो रोजाना औसत 2 लोग आत्महत्या कर रहे हैं. आत्महत्या का सबसे प्रचलित तरीका फांसी है. हॉस्टल, घर, होटल के कमरे, खेतों में या फिर कहीं भी फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं. अब ऐसे में डॉक्टर शर्मा का आविष्कार आने वाले समय में कई लोगों को मौत के मुंह से बाहर ला सकता है.

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