मध्य प्रदेश में टेरर फंडिग के रैकेट का खुलासा हुआ है. भोपाल STF की टीम ने शातिरर आरोपी बलराम सहित सतना में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जो मध्य प्रदेश से बैठे-बैठे कई राज्यों में टेरर फंडिंग का रैकेट चला रहे थे. पकड़े गए लोगों के पास से 17 पाकिस्तानी मोबाइ नंबर बरामद किए गए हैं.
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गिरोह का सरगना बलराम सिंह है जो साल 2017 में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों की निशानदेही पर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. बलराम एक टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था. जिसके जरिए सारे टेलीफोन काल्स किए जा रहे थे. भोपाल से आई STF की टीम ने सतना में बैठकर देश भर में टेरर फंडिंग करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
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आरोपियों का नाम बलराम सिंह, सुनील सिंह, शुभम तिवारी, भार्गवेंद्र सिंह और उसका एक साथी है. टेरर फंडिंग के ये सभी आरोपी सतना के रहने वाले हैं. बलराम सिंह दो साल पहले भी गिरफ्तार किया गया था. लेकिन वह अभी जमानत पर चल रहा था. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को गोपनीय सूचनाएं देने वाले नेटवर्क से जुड़े बलराम सिंह की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर सतना में आतंकियों को पैसे पहुचाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है.
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इसमे सतना जिले के अलग अलग स्थानों से 5 युवकों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए युवकों से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में गहन पूछताछ की गई. यह सारी कवायद सतना एसटीएफ भोपाल एटीएस के निर्देशन पर की. जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए गए कुल 5 लोगों में से पूछताछ के बाद 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इसके अलावा 2 संदिग्ध लोगों से पूछताछ अभी भी जारी है. बताया जा रहा है कि सुनील सिंह, बलराम सिंह और शुभम मिश्रा को गिरफ्तार करके ATS सतना से अपने साथ भोपाल ले गई है. वहीं भार्गवेंद्र सिंह और प्रदीप कुशवाहा से पूछताछ अभी भी जारी है. गुरुवार को सतना पहुची भोपाल एटीएफ ने पकड़े गए सभी आरोपियों को अपने कब्जे में ले लिया.
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सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल के मुताबिक टेरर फंडिंग की जानकारी मिलने पर सायबर निगरानी बढ़ा दी गई थी, जिस पर यह पुख्ता हो गया कि पकड़े गए युवक पाकिस्तानी नम्बरो से सम्पर्क में थे. वह उनके निर्देशन पर अलग-अलग स्थानों से भारी भरकम रकम आतंकियों के नेटवर्क को पहुँचा रहे थे. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए युवकों से और भी खुलासे की उम्मीद है. जांच में यह भी सामने आया है कि ये सभी युवक टेरर फंडिंग के मास्टर माइंड बलराम के नेटवर्क से ही जुड़े हुए थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो