कहते हैं, मन में लगन और काम करने की इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी बाधा रास्ते का रोड़ा नहीं बनती. कुछ ऐसा ही देखने को मिला देवघर के खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के दफ्तर में, जहां अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए दुमका जिले की महिला का भी पलक झपकते ही काम हो गया. वह भी तब, जब मामला ही दूसरे जिले का था. आंखों में आंसू, जहन में बेबसी और जुबान पर रहम की गुहार. जी हां, जमीन पर बैठी यह महिला बेबस है, लाचार है और दिव्यांग भी है. कुछ देर पहले तक जितनी देवी नाम की महिला जिले के खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के दफ्तर की दहलीज पर बैठकर आंसू बहा रही थीं, लेकिन चंद मिनटों के भीतर ही इनकी आंखों से खुशी छलकने लगी और यह सब विभाग के संबंधित अधिकारी की वजह से मुमकिन हो पाया है.
मिनटों में बना महिला का राशन कार्ड
बिलकुल सही पढ़ रहे हैं आप, जितनी देवी ना तो देवघर जिले की रहने वाली हैं और ना ही देवघर जिले में इनका आवेदन था. दरअसल, दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड की रहने वाली जितनी देवी अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए महीनों से दुमका समेत तमाम जगहों के चक्कर लगा रही थी. किसी ने भी महिला पर तरस नहीं खाया और थक हार कर यह महिला गलती से देवघर के खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के दफ्तर पहुंच गई. जहां, महिला की हालत देख जिले के खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी ने दुमका के अधिकारी से संपर्क किया और चंद मिनटों के भीतर ही महिला के हाथ वह राशन कार्ड थमा दिया. जिसकी आस में वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थी.
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर महिला
जी हां, यह काम करने की लगन और इच्छाशक्ति का ही नतीजा था कि मामला दूसरे जिले का होने के बावज़ूद भी उनका काम मिनटों में हो गया. बहरहाल, अब जितनी देवी के चेहरे पर मुस्कान है और दिल में सुकून. अब वह भीसरकारी राशन की दुकान में जाएगी और योजना के तहत मिलने वाले अनाज से अपनी भूख मिटायेगी.
HIGHLIGHTS
- मिनटों में बना महिला का राशन कार्ड
- दर-दर की ठोकरें खाने को थी मजबूर
- अधिकारी मदद के लिए आए सामने
Source : News State Bihar Jharkhand