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बेघर हो जाएंगे 650 हिंदू परिवार( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
साहिबगंज जिले में 650 हिंदू सरनाथी परिवार पर जिला प्रशासन की मुसीबत का तलवार लटक रही है. दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमीन का सीमांकन किया जाना है. लिहाज़ा अब उन्हें अपने घर से बेघर होने का डर सता रहा है. सवाल अब यह उठता है कि क्या साहिबगंज में सालों पहले आए पूर्वी पकिस्तान के हिंदू परिवार की सरनाथियों को बेघर करने की साजिश हो रही है, या तो फिर जिला प्रशासन के चूक का यह नतीजा है. जो आज इन सरनाथी हिंदू परिवारों को भुगतना पड़ रहा है. इन परिवारों की सोचते-सोचते दिन कट रहे हैं और रोते-बिलखते रातें गुजर रही हैं, लेकिन हर वक्त इन्हें आशियाना उजड़ने का खौफ सता रहा है.
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क्या साहिबगंज में अपने ही घर से बेघर हो जाएंगे 650 हिंदू परिवार?
यह जो घर आप देख पा रहे हैं और जो अभी टीना और करकट से बना हुआ है, लेकिन इन घरों के सरनाथी हिंदू परिवारों को हर वक्त अपने घरों से बेघर होने का डर सता रहा है. इन परिवारों की सोचते-सोचते दिन कट रहे हैं और रोते-बिलखते रातें गुजर रही हैं, लेकिन हर वक्त इन्हें आशियाना उजड़ने का खौफ सता रहा है. जहां साहिबगंज जिले के राजमहल अनुमंडल इलाके के पूर्वीनारायणपुर गांव की मुर्गीटोला से करीब 650 सरनाथी हिंदू परिवार ख़ौफ़ के साए में जी रहे हैं. उन्हें हर पल अपने ही घर से बेघर होने का डर सता रहा है. दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्वीनारायण गांव के सरनाथी हिंदू परिवारों को बेघर करने की तैयारी जिला प्रशासन के द्वारा शुरू कर दी गई है.
हिंदू परिवारों पर मंडरा रहा है डर का संकट?
वहीं, राजमहल एसडीओ रोशन शाह की अगुवाई में प्रशासनिक पदाधिकारी और पुलिस कर्मियों की टीम पूर्वीनारायणपुर गांव पहुंचे और संबंधित इलाके की जमीन का नापी कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन नापीकार्य प्रभावित हिंदू परिवारों ने जमकर उसका विरोध किया. साथ ही गांव में बसे सरनाथी ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ बांग्लादेशी घुसपैठ प्रशासन की आंखों में धूलझोंक कर उन लोगों को उनके ही घरों से बेघर करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पूरे मामले में डीसी रामनिवास यादव का कहना है कि किसी भी सरनाथी हिंदू परिवार को उनके घरों से बेघर और विस्थापित नहीं किया जाएगा. उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. कोर्ट के आदेश के बाद कुछ जमीन का सीमांकन जरूर कराया जाएगा.
बांग्लादेशी घुसपैठिए झोंक रहे हैं प्रशासन की आंखों में धूल
आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राजमहल विधानसभा क्षेत्र में बसे 650 हिंदू परिवारों पर बेघर होने के संकट की गूंज विधानसभा के अंदर भी सुनाई दी. जहां क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. विधायक ने कहा कि साल 1971 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में उन्हें भारत की नागरिकता दिलाई गई थी. इसके बाद साल 1987 में जब बिहार व झारखंड एक था, तभी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के कार्यकाल में पूर्वी नारायणपुर गांव में करीब 2600 बीघा जमीन के सभी कागजात उन्हें सौंपकर बैठाया गया था, लेकिन आज कुछ बांग्लादेशी जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर उनको उनके ही घर से बेघर करने की साजिश रच रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- साहिबगंज में अपने ही घर से बेघर हो जाएंगे 650 हिंदू परिवार?
- बांग्लादेशी घुसपैठिए झोंक रहे हैं प्रशासन की आंखों में धूल
- बेघर होने की गूंज विधानसभा के अंदर भी सुनाई दी
Source : News State Bihar Jharkhand
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