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आखिर क्यों लातेहार के किसानों का है हाल बुरा, 2 रुपये किलो बेच रहे टमाटर

राज्य सरकार यूं तो फाइलों और भाषणों में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही है.

Updated on: 07 Jan 2023, 08:22 PM

highlights

  • टमाटर उत्पादन के लिए विख्यात लातेहार
  • 2 रुपये प्रति किलो टमाटर बेचने को किसान मजबूर
  • किसानों ने सरकार से लगाई गुहार

 

Latehar:

राज्य सरकार यूं तो फाइलों और भाषणों में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और ही है. भारत को किसानों का देश कहा जाता है, वहीं दिन प्रतिदिन हमारे देश में किसानों की हालत खराब हो रही है. सरकार को इस पर ठोस योजना बनाकर सख्ती से काम करने की जरूरत है. आज लातेहार के किसानों की हालत खराब है क्योंकि यहां टमाटर के बंपर उत्पादन के बाद भी वो मायूस हैं. इसकी वजह यह है कि उन्हें टमाटरों की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है. इतना ही नहीं, सरकार व प्रशासन की तरफ से भी टमाटरों को स्टोर करने का कोई प्रबंध नहीं कराया गया है. पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोगता का भी दावा भी महज फाइलों तक ही सीमित रह गया.

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2 रुपये प्रति किलो टमाटर बेचने को किसान मजबूर
एक तरफ जहां कृषि प्रधान देश में सरकार किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिलवाने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ टमाटर की खेती करने वाले किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. लातेहार के बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड में टमाटर का बंपर उत्पादन हुआ है. जिस वजह से किसानों को इसकी कीमत महज 2 रुपये प्रति किलो मिल रही है. कीमत इतनी कम है कि इससे किसानों की लागत मूल्य भी कमा पाना मुश्किलहो रहा है. 

टमाटर उत्पादन के लिए विख्यात लातेहार
दरअसल, लातेहार का हेरहंज, बालूमाथ और बारियातू प्रखंड टमाटर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. इन प्रखंडों में हर साल टमाटर की पैदावर भारी मात्रा में होती है. जहां से टमाटर राज्य के विभिन्न मंडियों तक पहुंचाया जाता है. इस बार भी टमाटर की खेती हुई और बंपर पैदावार भी हुआ, लेकिन अचानक से इसकी कीमत बाजार में गिर गई. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

एक किसान ने न्यूज़ स्टेट से बातचीत के दौरान बताया कि इस बार टमाटर का उत्पादन तो बंपर हुआ है, लेकिन इसकी वजह से कीमत काफी कम मिल रही है. हालत तो यह है कि टमाटर की खेती में किसानों की जितनी लागत लगी है, उतना भी कमा पाना मुश्किल हो गया है. साथ ही बताया कि कैसे टमाटर की खेती के लिए एक एकड़ में लगभग 2 लाख रुपये खर्च आता है, लेकिन इसबार बाज़ार में टमाटर की कीमत अच्छी नहीं है, जिससे किसानों की लागत राशि तक नहीं निकल पा रही है. 

सरकार से किसानों ने की मांग
इधर एक किसान ने न्यूज़ स्टेट से बातचीत में पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोगता पर झूठा आश्वाशन देकर ठगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा जब सत्यानंद भोगता कृषि मंत्री थे, तब उन्होंने एक सौर्स फैक्ट्री लगाने की बात कही थी, लेकिन अबतक यह आश्वासन पूरा नहीं हो सका है. लिहाज़ा किसान कौड़ी के भाव मे टमाटर की बिक्री करने को मजबूर है. किसानों की सरकार से मांग की है कि क्षेत्र में एक सौर्स फैक्ट्री का निर्माण कराया जाए ताकि किसान टमाटर को उचित कीमत पर में बेच सके.