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आखिर सोरेन सरकार को विश्वास मत प्रस्ताव लाने की जरूरत क्यों पड़ी?

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया.

Updated on: 05 Sep 2022, 05:21 PM

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. विश्वास मत हासिल कर लिया. वहीं, बीजेपी लगातार सवाल खड़ी कर रही थी कि विश्वासमत प्रस्ताव को क्यों लगाया गया है, लेकिन निर्दलीय विधायक सरयू राय ने न्यूज स्टेट बिहार झारखंड से इस बातचीत में इस बात पर प्रकाश डाला कि आखिर हेमंत सोरेन की सरकार को विश्वास मत प्रस्ताव लाने की जरूरत क्यों थी. विधासनभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि सरकार कोई भी निर्देश देती है, जिलों में लागू नहीं होती है. मेरे मन में भी ये सवाल है कि सदन में विश्वास प्रस्ताव क्यों रखा गया. सदन की कार्रवाही समाप्त हो जाएगा तब ये कहां जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को अपार बहुमत है, इनकी सरकार पर कहां संकट है. जो चुनी हुई सरकार है उसको गिराने का प्रयास नहीं होना चाहिए. तीन विधायक आज बंगाल में है, वो सदन में नहीं हैं. उन्होंने कुछ किया, उसके कारण अविश्वास पैदा हुआ. तीन के बदले तेरह होने की आशंका थी.

आपको बता दें कि झारखंड के इतिहास में पहली बार आज किसी सत्ताधारी दल ने सरकार के खिलाफ ही विश्वास मत पेश किया. हेमंत सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है. सोमवार को विधानसभा का एक दिन का सत्र बुलाया गया था . इसमें सरकार को विश्वास मत हासिल करना था. प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट पड़े. इस दौरान विपक्ष ने वॉक आउट किया. सीएम ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है. बीजेपी सिर्फ सत्ता की भूखी है. 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की साजिशों का जवाब देने, लोकतंत्र को बचाने और राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को संदेश देने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है. उन्होंने कहा कि जब से उनकी सरकार ने शपथ ली है, तभी से भाजपा दूसरी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों मे जुटी है.