झारखंड में निगम और बोर्ड का गठन कब होगा, इसको लेकर सत्ताधारी दल के नेताओं की निगाहें टिकी हुई है. राज्य सरकार के गठन के लगभग साढ़े तीन साल हो चुके हैं और अब इन नेताओं को लगता है, जल्दी से जल्दी निगम बोर्ड का गठन हो और उस पर कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान मिले. गठन से पहले अक्सर इसको लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी दिख जाती है. निगम और बोर्ड के गठन के जरिए सत्ताधारी दल बड़ी संख्या में अपने अपने कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करती है. झारखंड में निगम और बोर्ड पर काबिज होने की हसरत पाले सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ताओं का धैर्य अब अंदर खाने जवाब दे रहा है.
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साढ़े तीन साल से नहीं हुआ निगम और बोर्ड का गठन
भले ही खुल कर इस मामले पर नेतागण ना बोलें, पर ये गठन सबके सामने एक सवाल की तरह हो गया है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि जिस दिन से सरकार का गठन हुआ है, उसी दिन से पार्टी कार्यकर्ता आशान्वित थे. बोर्ड निगम के माध्यम से हिस्सेदारी मिलेगी, उम्मीद है जल्द ही समाधान होगा. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और राष्ट्रीय नेताओं के जरिए ही सूची आना है, आया है या नहीं, इसकी तो जानकारी मुझे नहीं है. कब तब बोर्ड निगम का गठन होगा ये तो प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल नेता और सीएम ही बता पाएंगे.
आलमगीर आलम ने कहा- जल्द होगा गठन
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा, जल्दी ही राज्य के निगम और बोर्ड का गठन होगा. 15 मई तक राज्य ने निगम और बोर्ड का गठन हो जाएगा. वहीं, अंदर खाने बोर्ड और निगम में पद पाने को लेकर कुछ कार्यकर्ताओं की नाराजगी के सवाल पर कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और यहां एक नहीं अनेक दावेदार होते हैं. सबकी इच्छाएं हैं और लोग व्यक्त करते हैं, पर बात उचित प्लेटफार्म पर ही हो, सार्वजनिक तरीके से नहीं. कांग्रेस का वजूद है और सभी लोग चाहते हैं उन्हें जगह मिले.
प्राथमिकता के अनुरूप हो रहा है काम
जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि थोड़ा विलंब हुआ है और बोर्ड निगम के गठन पर सरकार की प्राथमिकता बोर्ड और निगम नहीं है. जो प्राथमिकता है, उसके अनुरुप काम हो रहा है. कार्यकर्ता की भावना और महत्वाकांक्षा होती है, उन्हें उचित सम्मान मिले, उसमें थोड़ा विलंब हुआ है, पर सब कोई जानते हैं इसके कई कारण हैं. सबको संतुलित कर चलना सीएम की प्राथमिकता है. इस महीने तक इसका गठन देखने को मिल सकता है.
बीजेपी ने राज्य सरकार पर बोला हमला
बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि तीन साल से ज्यादा कार्यकाल सरकार ने बिता लिया है. निगम और बोर्ड हमारे शासन व्यवस्था के अंग होते हैं. कई महत्वपूर्ण कार्य निपटाए जाते हैं. उनका गठन समय रहते होने से राज्य के विकास योजनाओं को अंतिम रूप देने में बहुत सहूलियत होती है. सरकार का इसे ना कर पाना, इनके अंतर विरोध को दर्शाता है. जो गठबंधन के दल सरकार में शामिल हैं, उनमें आपस में पद को लेकर अंतर विरोध है. जिसके कारण घोषणा नहीं कर पा रहे हैं. घोषणा करने पर हो सकता है, कोई बड़ा विद्रोह हो जाए. इसलिए घोषणा नहीं कर रहे हैं.
झारखंड में निगम और बोर्ड के गठन पर सत्ताधारी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें टिकी हुई है. 60:40 रेशियों का फॉर्मूला जेएमएम और कांग्रेस के बीच फाइनल हुआ है. इसमें से दोनों दल कुछ सीटें राजद के लिए छोड़ेंगे, पर सवाल यह है कि अब इसके गठन नहीं होने पर सत्ताधारी दल के नेताओं का धैर्य जवाब दे रहा है और बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल रहा है.
HIGHLIGHTS
- झारखंड में निगम और बोर्ड के गठन पर सियासत
- पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
- साढ़े तीन साल से नहीं हुआ निगम और बोर्ड का गठन
Source : News State Bihar Jharkhand