झारखंड के रामगढ़ जिले के बयांग गांव के युवक ने गांव की बिजली संकट से परेशान होकर खुद ही बिजली उत्पादन करने की ठानी. 15 साल बाद उन्होंने पांच किलोवाट बिजली उत्पादन करने में सफलता हासिल की. दुलमी प्रखंड के बयांग गांव निवासी केदार प्रसाद महतो (33 वर्ष) ने गांव में बिजली संकट की समस्या देखी, तो बिजली उत्पादन करने की ठान ली. 18 साल के अथक प्रयास के बाद देशी जुगाड़ लगाकर केदार ने पानी से पांच किलोवाट बिजली का उत्पादन कर मिसाल कायम की है. आज इसी बिजली से गांव के चौक-चौराहे व दुर्गा मंदिर रोशन हो रहे हैं.
साल 2004 में किया था पहला परीक्षण
जानकारी के अनुसार वर्ष 2004 में केदार ने बिजली उत्पादन का कार्य शुरू किया. उस समय 12 वोल्ट का बिजली उत्पादन करने में उन्हें सफलता मिली. इसके बाद बिजली उत्पादन में उनकी रुचि बढ़ती गयी. वर्ष 2014 में एक केवी का बिजली उत्पादन करने में उन्हें सफलता मिली. इसके बाद वह लगातार चार साल तक अपने प्रोजेक्ट में लगे रहे और साल 2021 में उन्हें पांच किलोवाट बिजली उत्पादन करने में सफलता मिली, इस पर लगभग तीन लाख रुपये खर्च हुए हैं. केदार ने किसान हाइस्कूल डभातू से मैट्रिक, छिन्नमस्ता इंटर कॉलेज से इंटर व रामगढ़ कॉलेज से बीए पार्ट-वन की पढ़ाई की है. वह वायरिंग का काम करते हैं. इससे जो पैसा बचता है, उससे वह अपनी सपनों को हकीकत में बदलते हैं.
केदार ने बताया कि गांव में अक्सर बिजली गुल रहती थी. इस कारण बिजली उत्पादन करने का निर्णय लिया. इसके बाद वे धीरे-धीरे इस कार्य में जुट गये. पहला परीक्षण सेनेगढ़ा नदी के अमझरिया नामक स्थान में किया. अचानक आई बारिश की वजह से प्रोजेक्ट बह गया. इसके बाद उन्होंने नदी के बीच में सीमेंट से कॉलम ढलाई कर बिजली के लिए कार्य शुरू किया. इसमें पानी में खुद से बनाया गया टर्बाइन लगाया और आर्मेचर, क्वायल, मैगनेट सहित कई पार्ट्स-पुर्जे लगाये. बिजली हाउस तक जाने के लिए उसने बांस का पुलिया भी बनाया. इस काम में ज्ञानी महतो व जगरनाथ सहित कई मदद कर रहे हैं. इन युवकों ने कहा कि अगर केदार को मदद की जाये, तो पूरे गांव के लोगों को नि:शुल्क बिजली मिलेगी.
Source : News Nation Bureau