बीमारियां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती हैं और कुछ बीमारियां लाइलाज होती हैं. लोग लाखों करोड़ों इलाज में खर्च कर देते हैं लेकिन उनकी सेहत में सुधार नहीं हो पाता लेकिन झारखंड की राजधानी रांची से महज 30 किलोमीटर दूर ब्रांबे के एक सुदूर गांव के ढौठाटोली में एक ऐसे भी वैद्य हैं जो बीते 35 साल से अपने ही घर के पास एक इमली की पेड़ के नीचे रोगियों का इलाज करते हैं और फीस लेते हैं सिर्फ 100 रुपए.
वैद्य का नाम है हरिवंश भगत और इनका नाम इतना फेमस है कि लोग काफी दूर-दूर से अपनी गंभीर बीमारियों को लेकर इनके पास आते हैं और 2 से 3 दिनों के झाड़-फूंक में के दौरान ठीक होकर स्वस्थ हो जाते हैं. वैद्य हरिवंश भगत बताते हैं कि लगभग 35 सालों से लोगों का इसी तरह से इलाज करते आ रहे हैं.
हरिवंश भगत ने 'न्यूज़ स्टेट बिहार झारखंड' से खास बातचीत में बताया कि लोग सिर्फ झारखंड से ही नहीं बल्कि नेपाल, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों से भी वह अपनी बीमारियों को लेकर हमारे पास आ चुके हैं और स्वस्थ होकर भी गए हैं.
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वैद्य हरिवंश भगत
ऐसे करते हैं इलाज
वैद्य हरिवंश भगत के रोगियों का इलाज करने का तरीका भी अलग है. जिस रोगी को जिस अंग में बीमारी रहती है वे उस जगह पर हल्दी का लेप लगाते हैं और फिर मुंह से उसकी बीमारियों को खींचते हैं जो कि अपने आप में एक अनोखा इलाज है.
सुबह 5 बजे से रोगियों की लग जाती है लाइन
लोग अपने बीमारियों को लेकर दूरदराज से हरिवंश भगत के पास सुबह 5:00 बजे से ही पहुंचना शुरू कर देते है. सुबह से लोगों की लंबी लाइनें लगी रहती है. रोजाना कई लाइलाज मरीजों की हरिवंश भगत इलाज करते हैं. बदले में रोगी या उसके परिजन जो भी फीस देते हैं उसे बिना कुछ कहे सुने रख लेते हैं.
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बेटियां भी करती हैं मदद
वैद्य हरिवंश के द्वारा लोगों के इलाज के दौरान इनके बेटियों का भी सहयोग होता है और अपने पिता के द्वारा किए कार्यों से घर के सदस्य भी काफी खुश रहते हैं. परिवार के लोगों का कहना है कि जो लोग लाखों रुपए खर्च करके ठीक नहीं होते हैं, वह हमारे घर में महज ₹100 देकर ठीक हो जाते हैं.
रिपोर्ट: सूरज कुमार
HIGHLIGHTS
. 35 वर्षों से कर रहे लाइलाज रोगों का इलाज
. इलाज करने का तरीका भी है अनोखा
. परिवार के लोग भी देते हैं हरिवंश भगत का साथ
. सिर्फ 100 रुपए रोगियों से लेते हैं फीस
Source : News State Bihar Jharkhand