Parasnath Controversy: पारसनाथ मामले पर घमासान, आदिवासी मूलवासी आज करेंगे रैली

पारसनाथ का विवाद धमने का नाम नहीं ले रहा है. आज पारसनाथ में आज आदिवासी मूलवासी जुटेंगे. पारसनाथ पर्वत पर अपने हक को लेकर ये एकजुट होंगे.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

पारसनाथ का विवाद धमने का नाम नहीं ले रहा है. आज पारसनाथ में आज आदिवासी मूलवासी जुटेंगे. पारसनाथ पर्वत पर अपने हक को लेकर ये एकजुट होंगे. आदिवासी आज रैली और आमसभा करेंगे. जिसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के जवान तैनात हैं. इस दौरान कई राज्यों से बुद्धिजीवि भी पहुंचेंगे. महजुटान कार्यक्रम को लेकर 13 दंडाधिकारी नियुक्त किए गए हैं. सीसीटीवी और ड्रॉन कैमरे से पूरे कार्यक्रम पर नजर रखी जायेगी. आपको बता दें कि एएसपी हारिश बिन जमां, एसडीपीओ मनोज कुमार, एसडीएम प्रेमलता मुर्मू देर रात से मधुबन में कैंप किए हुए हैं.

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आंदोलन की रणनीति तैयार
आपको बता दें कि आदिवासी समुदाय का दावा है कि पूरा पारसनाथ पहाड़ हमारा है. 10 जनवरी से बड़े आंदोलन की तैयारी की गई है. संताल समुदाय 10 जनवरी से राज्य में बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय संताल परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष नरेश कुमार मुर्मू ने जानकारी देते हुए बताया है कि हम बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इसमें ओडिशा, बंगाल, असम सहित देश के अलग राज्यों से संताल पारसनाथ पहुंचेंगे.

विपक्ष ने सोरेन सरकार को घेरा
गिरिडीह के पारसनाथ में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जैनियों के विरोध के बाद केंद्र ने जांट कमिटि हनाने की जहां सिफारिश की थी. वहीं, अब विपक्ष ने सोरेन सरकार पर जमकर हमला किया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि-2008 में मुख्यमंत्री रहते हुए यह फैसलै लिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने फैसले को बदलकर इस पर विवाद खड़ा करवा दिया है. वहीं, दूसरी तरफ जेएमएम नेता सुप्रिया भट्टाचार्य बीजेपी पर जमकर हमला किया है.

पारसनाथ में विराजमान हैं देवता मरंगबुरू
वहीं, पारसनाथ पहाड़ पर आदिवासियों ने अपना दावा किया है. पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू का कहना है कि आदिवासियों के सबसे बड़े देवता मरंगबुरू पारसनाथ पहाड़ में विराजमान हैं. यहां आदिवासी अपने रीति रिवाज के मुताबिक पूजा करने जाते हैं और बिना आदिवासियों से विचार विमर्श किए राज्य सरकार ने इसे जैन धर्मावलंबियों का पहाड़ बता दिया है. जिसका हम विरोध करते हैं. सालखन मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ पहाड़ पर पहला अधिकार आदिवासियों का है. अंग्रेजों के जमाने में आदिवासियों और जैनियों के बीच विवाद हो चुका था, जिसे हाईकोर्ट में आदिवासियों का बताया था. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता ने इस राज्य को करोड़ों लेकर बेच दिया था, लेकिन उनके मुख्यमंत्री पुत्र आदिवासियों के धर्मस्थल पारसनाथ पहाड़ को ही बेचने का काम किया है.

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HIGHLIGHTS

  • पारसनाथ मामले पर घमासान
  • आदिवासी मूलवासी आज करेंगे रैली
  • सालखन मूर्मू ने हेमंत सरकार पर लगाया आरोप
  • पारसनाथ पहाड़ बेचने का लगाया आरोप

Source : News State Bihar Jharkhand

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