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मानसून सत्र के चौथे दिन भी हंगामा, विपक्ष ने सरकार पर लगाया इस्लामीकरण का आरोप

सत्र की शुरुआत जैसे ही हुई तो भाजपा विधायक विधानसभा पहुंचे, केसरिया पारंपरिक पोशाक पहने बीजेपी विधायकों ने सीढ़ियों पर बैठकर जमकर हंगामा किया. इस दौरान सभी विधायक ने सरकार विरोधी नारे लगाए,राज्य का इस्लामीकरण करने का आरोप भी लगाया.

Updated on: 03 Aug 2022, 01:21 PM

Ranchi:

झारखंड विधानसभा मानसून सत्र का चौथा दिन भी काफी हंगामेदार रहा. सदन से विधायकों के निलंबन को लेकर भाजपा के विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया. जिसके बाद वे सदन से वॉक आउट कर गए. सत्र की शुरुआत जैसे ही हुई तो भाजपा विधायक विधानसभा पहुंचे, केसरिया पारंपरिक पोशाक पहने बीजेपी विधायकों ने सीढ़ियों पर बैठकर जमकर हंगामा किया. इस दौरान सभी विधायक ने सरकार विरोधी नारे लगाए. झारखंड राज्य को सूखाग्रस्त का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ ही मौजूदा सरकार पर राज्य का इस्लामीकरण करने का आरोप भी लगाया.

झारखंड के स्कूलों के नाम में उर्दू शब्द जोड़ने और रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने के मामले पर बीजेपी नेता ने हेमंत सोरेन सरकार को विपक्षी दलों ने जमकर घेरा. विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार झारखंड का इस्लामीकरण करने में लगी हुई है लेकिन, बीजेपी ऐसा होने नहीं देगी. अगर वह शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी देगी तो हम मंगलवार को अवकाश घोषित करने की मांग करेंगे. बिरंची नारायण ने कहा कि शिक्षा का उर्दूकरण करना बंद करना चाहिए. विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि हेमंत सोरेन वैसे मुख्यमंत्री हैं जो भ्रष्टाचार को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए.

वहीं, जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने कहा कि शिक्षा मंत्री रहते नीरा यादव ने कुछ स्कूलों से उर्दू शब्द हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन इस बात की पड़ताल होनी चाहिए कि वह कौन सी ताकतें हैं जो इस तरह के आदेश को रोकने का काम किया है .

आपको बता दें कि मानसून सत्र के समाप्त होने से एक दिन पहले स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने भारतीय जनता पार्टी के चार विधायकों को 4 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया था. इनमें विधायक भानु प्रताप शाही, धुलु महतो, जयप्रकाश भाई पटेल और रणधीर सिंह शामिल हैं. ये विधायक मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही वेल में आ गए थे और विभिन्न आरोपों और भ्रष्टाचार पर बहस को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.