Jharkhand चतरा में हुए ENCOUNTER पर बवाल जारी, बयानबाजी हुई तेज

चतरा के लावालौंग में मुठभेड़ के दौरान पांच नक्‍सलियों को मार गिराया था. मुठभेड़ में शामिल जवानों को डीजीपी ने सम्मानित भी किया, लेकिन अगले दिन इस मुठभेड़ पर सवाल उठे.

चतरा के लावालौंग में मुठभेड़ के दौरान पांच नक्‍सलियों को मार गिराया था. मुठभेड़ में शामिल जवानों को डीजीपी ने सम्मानित भी किया, लेकिन अगले दिन इस मुठभेड़ पर सवाल उठे.

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Jatin Madan
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परिजनों ने मानवाधिकार आयोग जाने की बात कही है.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

चतरा के लावालौंग में मुठभेड़ के दौरान पांच नक्‍सलियों को मार गिराया था. मुठभेड़ में शामिल जवानों को डीजीपी ने सम्मानित भी किया, लेकिन अगले दिन इस मुठभेड़ पर सवाल उठे. सवाल मारे गए नक्‍सलियों के परिजनों ने ही उठाये. पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये गए. नक्सलियों के परिजनों का कहना है कि ये सभी नक्‍सली सरेंडर करने आये थे. सरेंडर के बाद उन्‍हें गोली मारी गई. पुलिस का यह एनकाउंटर फर्जी है. पुलिस ने धोखे में रखकर मारा है. नक्सलियों के परिजनों ने मानवाधिकार आयोग जाने की बात कही है.

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पूरे मामले की जांच होनी चाहिए- सीपी सिंह

चतरा में ढेर हुए नक्सलियों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. एक ओर जहां नक्सलियों के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी विधायक सी पी सिंह ने जांच की मांग की है. सी पी सिंह ने कहा कि सच्चाई क्या है, कहना मुश्किल है, जो चस्मदिद है, वही बता सकता है. नक्सली परिवार सच कह रहा इसकी क्या गारंटी है और पुलिस पर भी लोगों को भरोसा नहीं है, क्या सच्चाई है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए. ये बड़ा मुश्किल है निर्णय लेना, सरेंडर के बाद गोली मारी गई या मुठभेड़ में गोली मारी गई. विश्वसनीयता तो दोनों पर नहीं, इस लिए निष्पक्ष जांच हो इसका निर्णय कर सकता है.

वहीं, कांग्रेस विधायक राकेश सिन्हा ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है.

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नक्सलियों के परिजनों के पास साक्ष्य है तो दिखाएं : JMM

वहीं, इस मामले पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे  ने कहा कि जहां तक इस खबर का सवाल है, डीजीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि ये एनकाउंटर था, जो दिखता है. परिवार वालों से उन्होंने ये भी कहा है, अगर कोई साक्ष्य है तो उपलब्ध कराएं. साथ ही सीआईडी जांच की भी बात की है. इससे बड़ा पारदर्शी क्या हो सकता है. वो इनामी नक्सली थे ये भी तय है. पूर्ववर्ती सरकार नहीं है, सुना होगा पिछली सरकार में फेक एनकाउंटर हुआ था जिसमें निर्दोष मारे गए थे. आज तक जांच की प्रक्रिया में है. इस सरकार की प्राथमिकता रही है राज्य को उग्रवाद से मुक्त करवाना. इस सरकार की उपलब्धि है बूढ़ा पहाड़, उग्रवाद समाप्ति की तरफ है. इस तरह की बातें होती है तो स्वाभिवक है परिवार वाले बोलेंगे उनकी भावना है. कोई फेक एनकाउंटर की बात नहीं है, इस सरकार में ऐसा नहीं होता है.

HIGHLIGHTS

  • झारखंड पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप
  • चतरा में मारे गए नक्सलियों के परिजन का दावा
  • 'सरेंडर करने आए थे, पुलिस ने मार दी गोली'

Source : News State Bihar Jharkhand

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