झारखंड में बना अनोखा 'कोरोना सैंपल कलेक्शन बूथ', स्वास्थ्य मंत्री ने भी की तारीफ
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी डीडीसी आदित्य रंजन के इस कार्य की तारीफ की है. गुप्ता ने कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर विकसित करने वाली डीडीसी और उनकी टीम को बधाई दी.
चाईबासा:
कोरोना वायरस (COVID-19) से जंग में जहां एक ओर चिकित्सक आवश्यक उपकरण की कमी झेल रहे हैं, वहीं झारखंड (Jharkhand) के पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा के सदर अस्पताल परिसर में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अनोखे 'कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर' की स्थापना की गई है. यह केबिननुमा केंद्र ना केवल सुरक्षित है बल्कि सस्ता भी है. उप-विकास आयुक्त (डीडीसी) आदित्य रंजन ने अपने अन्य इंजीनियर मित्रों की मदद से इस तकनीक को अपने घर पर ही विकसित किया और फिर परीक्षण के बाद इसे सदर अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया. डीडीसी का दावा है कि यह देश का पहला इस तरह का केन्द्र होगा.
यह भी पढ़ें: कोरोना आइसोलेशन वार्ड में घुसे 2 फर्जी डॉक्टर, मचा हड़कंप, एक पकड़ा गया
आदित्य रंजन ने आईएएनएस को बताया कि एल्युमीनियम शीट से तैयार किया गया यह बूथ पूरी तरह 'एयर टाइट' है, यानि इसमें हवा अंदर-बाहर नहीं जा सकती. स्वास्थ्यकर्मी इसके अंदर बैठकर ग्लब्स पहनकर कोरोना से संदिग्ध मरीज का सैंपल ले सकेंगे. उन्होंने कहा, 'इस कैबिन में एक स्वास्थ्यकर्मी के 20 मिनट तक रहने की व्यवस्था की गई है. सबसे खास बात यह है कि स्वास्थ्यकर्मी को संदिग्ध मरीज के सैंपल लेते समय पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) पहनने की आवश्यकता नहीं होगी.'
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह बूथ बड़ी आबादी में संक्रमण का टेस्ट करने में विशेष रूप से कारगर साबित होगा. कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर को आसानी से वाहन द्वारा अलग-अलग स्थानों पर भी ले जाया जा सकता है. यह तरीका इंफेक्शन से सुरक्षा के तौर पर भी काफी कारगर साबित होगा. पीपीई किट की तुलना में इसकी लागत भी काफी कम है. साथ ही यह राज्य में पीपीई किट की कमी को भी दूर करेगा.
आदित्य रंजन ने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. बोकारो में जन्मे और एक सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले रंजन ने बताया कि पीपीई किट की कमी के कारण मन में कुछ नया करने का विचार आया. इसके बाद इंटरनेट पर विदेशों के कुछ अस्पतालों की वीडियो क्लीपिंग और फोटो देखने के बाद उन्हें यह बूथ बनाने का आइडिया आया. उन्होंने आईएएनएस से कहा कि इसे बनाने में करीब 20 हजार रुपये की लागत आई है. इस कलेक्शन सेंटर के माध्यम से डॉक्टर संक्रमण से सुरक्षित रहते हुए कम समय में ज्यादा लोगों का सैंपल प्राप्त कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: झारखंड में कोरोना वायरस का एक नया मामला आया सामने, कुल चार लोग संक्रमित
इधर, पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल कहते हैं कि पूरे देश में चिकित्सकों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने वाले पीपीई किट की कमी है. अभी राज्य के सभी जिलों में पीपीई किट की कमी है. उन्होंने कहा कि पीपीई किट की आवश्यकता को देखते हुए डीडीसी का यह 'इनोवेटिव आइडिया' जिले में पीपीई की कमी को दूर करेगा. पीपीई किट न होने पर भी इन कलेक्शन सेंटर से कोरोना संदिग्धों के नमूने लिए जा सकेंगे.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी डीडीसी आदित्य रंजन के इस कार्य की तारीफ की है. गुप्ता ने कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर विकसित करने वाली डीडीसी और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि एक ओर झारखंड में कोरोना से लड़ने के लिए संसाधनों की कमी है, वहीं ऐसा प्रयोग कोरोना से लड़ने के लिए मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि इसका राज्यस्तर पर प्रयोग किया जाएगा.
यह वीडियो देखें:
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य