Jharkhand News: 52 लाख का अल्ट्रासाउंड और 52 लोगों का भी नहीं हुआ इलाज, गोदाम की शोभा बढ़ा रहा मशीन

विभाग ने इस मशीन को 52 लाख रुपए में खरीदा है, लेकिन ट्रायल होने से लेकर आज तक करीब दो माह बीत जाने के बाद भी इस मशीन में 52 लोगों का भी अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा सका है.

विभाग ने इस मशीन को 52 लाख रुपए में खरीदा है, लेकिन ट्रायल होने से लेकर आज तक करीब दो माह बीत जाने के बाद भी इस मशीन में 52 लोगों का भी अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा सका है.

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Rashmi Rani
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अल्ट्रासाउंड मशीन ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

चतरा सदर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रहा है. अब यहां लगाए गए एडवांस अल्ट्रासाउंड को ही ले लीजिए. वैसे तो विभाग ने इस मशीन को 52 लाख रुपए में खरीदा है. मशीन खरीदने का उद्देश्य था कि अस्पताल आने वाले मरीजों को सस्ते दर पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराया जा सके. इस अल्ट्रासाउंड मशीन को सदर अस्पताल में अधिष्ठापित कराने को लेकर डीसी अबू इमरान के द्वारा ट्रायल भी करवाया गया था, लेकिन ट्रायल होने से लेकर आज तक करीब दो माह बीत जाने के बाद भी इस मशीन से 52 लोगों का भी अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा सका है.

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गोदाम की शोभा बढ़ा रहा अल्ट्रासाउंड मशीन 

वर्तमान समय में यह अल्ट्रासाउंड एक्सरे मशीन के लिए बनाए गए गोदाम की शोभा बढ़ा रहा है. ऐसे में सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है. जिसके एवज में उन्हें मोटी रकम भी चुकानी पड़ती है. इस मशीन का संचालन सदर अस्पताल में नहीं किए जाने के कारण खास कर गर्भवती महिलाओं को जांच कराने में कई प्रकार की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है. 

महिलाओं से वसूली जाती है मोटी रकम 

आपके बता दें कि सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को प्लस टू बालक उच्च विद्यालय के सामने संचालित आस्था अल्ट्रासाउंड भेजा जाता है. नियमतः गर्भवती महिलाओं से उक्त अल्ट्रासाउंड वाले को अल्ट्रासाउंड का चार्ज नहीं लेने का भी निर्देश है. बावजूद वहां जाने वाली महिलाओं से मोटी रकम की वसूली कर ली जाती है. जो उन्हे अल्ट्रासाउंड का चार्ज नहीं देते हैं. उनके साथ केंद्र संचालक के द्वारा इतना टाल मटौल किया जाता है और उन्हें इतना देर देर तक बैठाकर रखा जाता है कि मजबूर होकर उन्हें उसी अल्ट्रासाउंड वाले को पैसा देकर अपना काम निकलवाना पड़ता है. 

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सिविल सर्जन ने दी सफाई 

शायद डॉक्टरों को आस्था से मिलने वाली मोटी कमीशन के कारण ही अस्पताल का अल्ट्रासाउंड आज तक प्रारंभ नहीं हो सका है. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ एसएन सिंह ने कहा कि अल्ट्रासाउंड मशीन चालू हालत में है पर कुछ जांच की प्रक्रिया चल रही है. यही कारण है कि मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं किया जा रहा है. जांच प्रक्रिया पूरा होते ही अल्ट्रासाउंड प्रारंभ कर दिया जाएगा.  

रिपोर्ट - विकाश 

  • विभाग ने मशीन को 52 लाख रुपए में है खरीदा 
  •  दो माह में 52 लोगों का भी नहीं हुआ अल्ट्रासाउंड 
  • महिलाओं से वसूली जाती है मोटी रकम 
  • गोदाम की शोभा बढ़ा रहा है अल्ट्रासाउंड मशीन 

Source : News State Bihar Jharkhand

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