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झारखंड में चुनाव के पहले नेताओं के लिए ट्विटर, फेसबुक बना 'अखाड़ा'

झारखंड में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल अपनी अंतिम तैयारी में जुटे हैं, वहीं कई दलों के नेता अचानक सोशल साइटों पर सक्रिय हो गए हैं.

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Dalchand Kumar
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झारखंड में चुनाव के पहले नेताओं के लिए ट्विटर, फेसबुक बना 'अखाड़ा'

झारखंड में चुनाव के पहले नेताओं के लिए ट्विटर, फेसबुक बना 'अखाड़ा'( Photo Credit : फाइल फोटो)

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झारखंड में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल अपनी अंतिम तैयारी में जुटे हैं, वहीं कई दलों के नेता अचानक सोशल साइटों पर सक्रिय हो गए हैं. ये नेता अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट से एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष के कई नेता सरकार की विकास योजनाओं की सफलता का बखान कर मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास में अभी से जुटे हुए हैं. 

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ऐसे तो मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही ट्विटर और फेसबुक पर सक्रिय रहे हैं, परंतु हाल के दिनों में वह और ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री दास के ट्विटर पर 3.03 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं, जबकि फेसबुक पर उनको 4.33 लाख लोग पंसद करते हैं. दास इन दिनों ट्विटर पर प्रतिदिन 15 से अधिक ट्वीट करते हैं, जिसमें सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा वह अपने कार्यक्रमों की भी इसमें चर्चा करते हैं. प्रदेश भाजपा के ट्विटर खाते से भी सरकार की योजनाओं की जानकारी ट्वीट कर लोगों को दी जा रही है. पार्टी के कई नेता भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और वे अपने अकाउंट से विपक्षियों पर निशाना साध रहे हैं.

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झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी ट्विटर का खुलकर इस्तेमाल कर रही है. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी इन दिनों ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अपनी बात कह रहे हैं. सोरेन के ट्विटर पर 24 हजार ही फॉलोवर हैं, परंतु उनको फेसबुक पर 1़15 लाख लोग पसंद करते हैं. वे भी इन दिनों सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और प्रतिदिन इसे अपडेट करते हैं. इस दौरान वह सरकार की नाकामियों को भी इस माध्यम से लोगों के बीच उठा रहे हैं.

झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल विरोधियों पर निशाना साधने और अपनी बातों को जनता तक पहुंचाने के लिए कर रहे हैं. मरांडी के फेसबुक पर 93 हजार 853 फालोवर हैं, जबकि ट्विटर पर इनके फॉलोवरों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. मरांडी अपने इन अकाउंटों से पार्टी की नीतियों और योजनाओं से भी लोगों को रूबरू करा रहे हैं.
राजग में शामिल ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के प्रमुख और पूर्व मंत्री सुदेश महतो को भी फेसबुक अकाउंट पर एक लाख 29 हजार लोग फालो कर रहे हैं. महतो भी अपनी पार्टी के रणनीति को सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाने में जुटे हैं.

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव, सुखदेव भगत सहित कई कांग्रेसी नेता भी इन दिनों सोशल मीडिया पर सक्रिय देखे जा रहे हैं. इस संदर्भ में झामुमो के मनोज पांडेय कहते हैं कि सोशल मीडिया लोगों तक पहुंचने का आज सबसे आसान तरीका बना हुआ है, यही कारण है कि सभी नेता इस पर सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि आज अधिकांश लोग फेसबुक और ट्विटर का उपयोग करते हैं, जो अनमने से भी नेताओं का संदेश देख या पढ़ ले रहे हैं. बहरहाल, झारखंड में सोशल मीडिया पर नेताओं की सक्रियता देखकर यह तय है कि जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आएगा, वैसे-वैसे सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोपों की संख्या बढ़ेगी.

Source : आईएएनएस

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