तुगलकी फरमान की वापसी, जन भावनाओं और छठ पूजा समितियों की जीत : दीपक प्रकाश

छठ पूजा पर हेमन्त सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश में हुए परिवर्तन के बाद छठ पूजा व्रतियों को नदी, तालाब आदि पर पूजा की मिली अनुमति भाजपा ने जनभावना की जीत बताया है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

छठ पूजा पर हेमन्त सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश में हुए परिवर्तन के बाद छठ पूजा व्रतियों को नदी, तालाब आदि पर पूजा की मिली अनुमति भाजपा ने जनभावना की जीत बताया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने छठ पूजा को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी अपने पुराने आदेश को वापस लिये जाने को सनातनियों की जीत बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह लोक आस्था के महापर्व के श्रद्धालुओं की जीत है.’’ प्रकाश ने कहा, ‘‘तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ यह जनता की जीत है. हेमन्त सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जीत है. एक के बाद एक गलत फैसलों के खिलाफ जीत जनता की जीत है.’’

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उन्होंने कहा कि छठ पूजा समिति, सनातन धर्म संगठन, सामाजिक संगठनों ने हेमन्त सरकार के जनविरोधी फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में चढ़-बढ़ कर हिस्सा लिया और भाजपा उन सभी संगठनों को धन्यवाद करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हेमन्त सरकार जनविरोधी नीतियां थोपने में लगी हुई है किन्तु जनविरोध के बाद सरकार को फैसला वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा आम जन के लिए एक सशक्त विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते हुए सरकार के काले फैसलों का विरोध करती आई है और भविष्य में भी करेगी.

दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि कांग्रेस-झामुमो की सरकार तुष्टिकरण में इतना डूब गई है कि लगातार जन विरोधी फैसले ले रही है. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान भी सरकार ने मूर्ति के आकार पर अपनी थोथी दलील देते हुए बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना को प्रतिबंधित कर दिया, इसी प्रकार कोरोना काल मे एक लाख रुपये का दंड सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है, राज्य की सरकार दिशाविहीन है, जिसमें नेतृत्व क्षमता का अभाव स्पष्ट दिख रहा है. उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि जनविरोधी फैसले लेने से सरकार को बचना चाहिए.

Source : Bhasha

Deepak Prakash Tughlaqi Chhath Puja
      
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