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बड़ी अनोखी है ये परंपरा, ईंट बांधकर मांगते हैं मन्नत

आस्था और श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती. सबके लिए इसकी परिभाषा अलग है. क्षेत्र के साथ जिस तरह भाषाएं और संस्कृतियां बदलती है ठीक उसी तरह श्रद्धा और आस्था के तरीकों में भी बदलाव आ जाता है.

Updated on: 27 Dec 2022, 05:45 PM

highlights

  • बड़ी अनोखी है ये परंपरा...
  • ईंट बांधने से होगी मन्नत पूरी?
  • परंपरा का तेलियागढ़ किला से कनेक्शन?
  • माता का दरबार कई राज्यों में है मशहूर
  • पर्यटन स्थल के रूप में भी सैलानियों की पसंद

Sahibganj:

आस्था और श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती. सबके लिए इसकी परिभाषा अलग है. क्षेत्र के साथ जिस तरह भाषाएं और संस्कृतियां बदलती है ठीक उसी तरह श्रद्धा और आस्था के तरीकों में भी बदलाव आ जाता है. कुछ तरीके बेहद आम तो कुछ बेहद नायाब होते हैं. आस्था की ऐसी ही नायाब मिसाल साहिबगंज में देखने को मिलती है. जहां ईंट के जरिए लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है. जिले में वैसे तो कई धार्मिक स्थान है, लेकिन एक शक्तिपीठ पूजा-पाठ के अलग तरीके को लेकर हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है. हम बात कर रहे हैं विख्यात वनदेवी रक्सी मां के पूजा स्थल की, ये शक्तिपीठ अपने आप में खास है. क्योंकि यहां वट-वृक्ष में मन्नते पूरी होने के लिए धागा नहीं बल्कि ईंट बांधे जाते हैं. 

ये शक्तिपीठ जिले के मंडरो प्रखंड में मालदा रेल खंड पर स्तिथ है. रक्सी माता के पूजा स्थान पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मन्नतें मांगते हैं. हर मंगलवार और शनिवार को धाम भी लगाया जाता है. जहां हजारों की संख्या में झारखंड-बिहार समेत बंगाल और दूसरे पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालुओं का आना होता है. श्रद्धालु विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं और मन्नत मांगने के बाद वट वृक्ष में ईंट बांध जाते हैं. मन्नत पूरी होने के बाद ईंट को खोल दिया जाता है.

ये पूजा-स्थल हजारों साल पुराना है. स्थानीय बुजुर्गों की मानें तो तेलिया गढ़ किला के राजा यहां पर पूजा अर्चना करते थे. तब से लेकर आज तक ये परंपरा चली आ रही है. आपको बता दें कि रक्सी माता शक्तिपीठ के महज कुछ ही दूरी पर तेलियागढ़ किला मौजूद है.

आस्था का केंद्र होने के साथ ही ये स्थल पर्यटकों को भी आकर्षित करता है. रक्सी माता का शक्ति पीठ पहाड़ के तलहटी में होने के चलते एक पर्यटन स्थल की तरह भी जाना जाता है और नए साल की दस्तक के साथ ही यहां लोगों का आना भी शुरू हो गया है.

रिपोर्ट : गोविंद ठाकुर

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