देश की कोयला राजधानी धनबाद का एक सख्श ट्रेनों और सार्वजनिक शौचालय में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम में जुटा है. भद्दी और अश्लील टिप्पणियां साफ कर लोगों को संदेश देता फिर रहा है कि 'कृपया अश्लीलता न फैलाए, इस शौचालय का प्रयोग आपकी मां-बहन भी करेगी.' इस सख्श की जद में धनबाद स्टेशन से गुजरने वाली हर वो ट्रेन जिसके शौचालय में गंदे कॉमेंट्स लिखे होते हैं. भारतीय रेल से हम और आप अपने जीवन में ना जाने कितनी बार सफर करते हैं. इस दौरान हम सभी ट्रेन के शौचालय का भी इस्तेमाल करते हैं. इन शौचालय के दीवारों पर अगर आपने गौर किया होगा तो अवश्य ही देखा होगा उन अश्लील और भद्दी टिप्पणियों को, जो कुछ असमाजिक तत्त्वों द्वारा यहां लिख दिया जाता है. जिसे हम पढ़ शौच के बाद वैसे ही उसे लिखा छोड़ आगे लोगों को पढ़ कर शर्मसार होने के लिए वापस अपने सीट पर चले जाते हैं.
अश्लील कमेंट्स मिटाने की मुहिम
वहीं, जिस सख्श से हम आपको मिलाने जा रहे हैं, वह मेरे या आपकी तरह नहीं सोचता. बल्कि उसने ऐसे अश्लील कमेंट्स के खिलाफ तो एक मुहिम ही छेड़ रखी है. वह अपने दिन भर के समय में से आधा या एक घंटे का समय निकाल, ट्रेनों के उन शौचालय में बिताते हैं, जहां भद्दी टिप्पणियों द्वारा अश्लीलता फैलाई गई होती है. वह बड़े ही आराम से उन गंदे कॉमेंट्स को मिटाने का काम करते हैं, इनका नाम उत्तम सिन्हा है. यह पेशे से कपड़े के कारोबार से जुड़े हैं. वे अकसर अपने काम को लेकर पटना, छपरा, कोलकाता, छत्तीसगढ़, लखनऊ, कानपूर और लुधियाना जैसे शहरों में जाते रहते हैं. इस रूट की लगभग सभी ट्रेनों में यह सफर करते हैं. इस दौरान ट्रेन के शौचालयों में भी वह जाते हैं और यदि उन्हें किसी भी शौचालय में टिप्पणियां लिखी दिखती है, तो उसे तत्काल मिटा देते हैं.
बेटी ने पूछा था ऐसा सवाल कि शुरू कर दिया मुहिम
धनबाद के गांधी नगर के उत्तम सिन्हा बताते हैं कि महज एक साल पहले की बात है. कोलफील्ड एक्सप्रेस से हावड़ा से धनबाद आ रहे थे. साथ में उनकी पत्नी अपर्णा और आठ साल की बेटी वर्षा भी थी. ट्रेन कुछ ही दूर चली थी कि बेटी बोली-पापा टॉयलेट जाना है. उत्तम उसे शौचालय तक ले गए. बाहर आने के बाद बेटी ने शौचालय के अंदर दीवारों पर लिखी इबारत के बारे में ऐसे प्रश्न पूछे कि वे स्तब्ध रह गए. बेटी के सवालों ने उनको झकझोर दिया.'
250 से ज्यादा शौचालय की दीवारों को कर चुके हैं साफ
वो अंदर गए और शौचालय की दीवार में लिखे अश्लील वाक्य तत्काल मिटाए. तब से लेकर अब तक उत्तम विभिन्न रूट्स की ट्रेनों में 250 से अधिक शौचालय की दीवारों पर लिखे अपशब्द मिटा चुके हैं. साथ ही लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि ऐसी कोई बात इन दीवारों पर ना लिखें. जिन्हें आपकी मां, बहन व घर के सदस्य पढ़कर शर्मिंदा हों. कोई ऐसा करता है तो उन्हें रोकें.
वहीं उत्तम कहते हैं कि 'ऐसा काम करने वालों को ऐसा कुछ लिखने से पहले यह भी सोचना चाहिए कि हो सकता है कभी उनके घर के सदस्य इस शौचालय का प्रयोग करें. उन पर क्या बीतेगी. सोच कर देखिए. आत्मा तक शर्मसार होगी. फिर ऐसा काम क्यों.' वो अंत में कहते है 'हम जो कर रहे हैं उससे अंतस को शांति मिलती है.'
रिपोर्टर- नीरज कुमार
HIGHLIGHTS
- अश्लील कमेंट्स मिटाने की खास मुहिम
- बेटी ने पूछा था ऐसा सवाल शुरू कर दिया मुहिम
- 250 से ज्यादा शौचालय की दीवारों को कर चुके हैं साफ
Source : News State Bihar Jharkhand
धनबाद का यह शख्स सार्वजनिक जगहों से मिटा रहा अश्लील कमेंट्स, शुरू की खास मुहिम
देश की कोयला राजधानी धनबाद का एक सख्श ट्रेनों और सार्वजनिक शौचालय में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम में जुटा है.
देश की कोयला राजधानी धनबाद का एक सख्श ट्रेनों और सार्वजनिक शौचालय में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम में जुटा है.
सार्वजनिक जगहों से मिटा रहा अश्लील कमेंट्स( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
देश की कोयला राजधानी धनबाद का एक सख्श ट्रेनों और सार्वजनिक शौचालय में लिखे अश्लील कमेंट्स को मिटाने की मुहिम में जुटा है. भद्दी और अश्लील टिप्पणियां साफ कर लोगों को संदेश देता फिर रहा है कि 'कृपया अश्लीलता न फैलाए, इस शौचालय का प्रयोग आपकी मां-बहन भी करेगी.' इस सख्श की जद में धनबाद स्टेशन से गुजरने वाली हर वो ट्रेन जिसके शौचालय में गंदे कॉमेंट्स लिखे होते हैं. भारतीय रेल से हम और आप अपने जीवन में ना जाने कितनी बार सफर करते हैं. इस दौरान हम सभी ट्रेन के शौचालय का भी इस्तेमाल करते हैं. इन शौचालय के दीवारों पर अगर आपने गौर किया होगा तो अवश्य ही देखा होगा उन अश्लील और भद्दी टिप्पणियों को, जो कुछ असमाजिक तत्त्वों द्वारा यहां लिख दिया जाता है. जिसे हम पढ़ शौच के बाद वैसे ही उसे लिखा छोड़ आगे लोगों को पढ़ कर शर्मसार होने के लिए वापस अपने सीट पर चले जाते हैं.
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अश्लील कमेंट्स मिटाने की मुहिम
वहीं, जिस सख्श से हम आपको मिलाने जा रहे हैं, वह मेरे या आपकी तरह नहीं सोचता. बल्कि उसने ऐसे अश्लील कमेंट्स के खिलाफ तो एक मुहिम ही छेड़ रखी है. वह अपने दिन भर के समय में से आधा या एक घंटे का समय निकाल, ट्रेनों के उन शौचालय में बिताते हैं, जहां भद्दी टिप्पणियों द्वारा अश्लीलता फैलाई गई होती है. वह बड़े ही आराम से उन गंदे कॉमेंट्स को मिटाने का काम करते हैं, इनका नाम उत्तम सिन्हा है. यह पेशे से कपड़े के कारोबार से जुड़े हैं. वे अकसर अपने काम को लेकर पटना, छपरा, कोलकाता, छत्तीसगढ़, लखनऊ, कानपूर और लुधियाना जैसे शहरों में जाते रहते हैं. इस रूट की लगभग सभी ट्रेनों में यह सफर करते हैं. इस दौरान ट्रेन के शौचालयों में भी वह जाते हैं और यदि उन्हें किसी भी शौचालय में टिप्पणियां लिखी दिखती है, तो उसे तत्काल मिटा देते हैं.
बेटी ने पूछा था ऐसा सवाल कि शुरू कर दिया मुहिम
धनबाद के गांधी नगर के उत्तम सिन्हा बताते हैं कि महज एक साल पहले की बात है. कोलफील्ड एक्सप्रेस से हावड़ा से धनबाद आ रहे थे. साथ में उनकी पत्नी अपर्णा और आठ साल की बेटी वर्षा भी थी. ट्रेन कुछ ही दूर चली थी कि बेटी बोली-पापा टॉयलेट जाना है. उत्तम उसे शौचालय तक ले गए. बाहर आने के बाद बेटी ने शौचालय के अंदर दीवारों पर लिखी इबारत के बारे में ऐसे प्रश्न पूछे कि वे स्तब्ध रह गए. बेटी के सवालों ने उनको झकझोर दिया.'
250 से ज्यादा शौचालय की दीवारों को कर चुके हैं साफ
वो अंदर गए और शौचालय की दीवार में लिखे अश्लील वाक्य तत्काल मिटाए. तब से लेकर अब तक उत्तम विभिन्न रूट्स की ट्रेनों में 250 से अधिक शौचालय की दीवारों पर लिखे अपशब्द मिटा चुके हैं. साथ ही लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि ऐसी कोई बात इन दीवारों पर ना लिखें. जिन्हें आपकी मां, बहन व घर के सदस्य पढ़कर शर्मिंदा हों. कोई ऐसा करता है तो उन्हें रोकें.
वहीं उत्तम कहते हैं कि 'ऐसा काम करने वालों को ऐसा कुछ लिखने से पहले यह भी सोचना चाहिए कि हो सकता है कभी उनके घर के सदस्य इस शौचालय का प्रयोग करें. उन पर क्या बीतेगी. सोच कर देखिए. आत्मा तक शर्मसार होगी. फिर ऐसा काम क्यों.' वो अंत में कहते है 'हम जो कर रहे हैं उससे अंतस को शांति मिलती है.'
रिपोर्टर- नीरज कुमार
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Source : News State Bihar Jharkhand