गढ़वा के निजी अस्पतालों में मरीजों के जान के साथ ऐसे किया जा रहा खिलवाड़
गढ़वा के निजी अस्पतालों में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने का मामला लगातार बढ़ते जा रहा है.
highlights
- अस्पतालों में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़
- सामने आई स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही
- गर्भवती महिला का इलाज कर रहा झोलाछाप डॉक्टर
Garhwa:
गढ़वा के निजी अस्पतालों में मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने का मामला लगातार बढ़ते जा रहा है. कुछ दिन पहले ही यह खबर सामने आई थी कि कैसे एक इंजीनियर गर्भवती महिला का इलाज झोलाछाप डॉक्टर कर रहा है. अब हम आपको फिर इसी जिला मुख्यालय का एक और करनामा दिखा रहे हैं कि कैसे लड़किया गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन कर रही है. जिसपर डीसी के निर्देश पर एसडीएम और सीएस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की, जिसमें कई खुलासे हुए, जो आश्चर्यजनक था. यह है जिला मुख्यालय का चन्द्रिका हॉस्पिटल. पहले लोग इसे झारखण्ड हॉस्पिटल के नाम से जानते थे, लेकिन जब यह हॉस्पिटल सील हुआ तो स्वास्थ विभाग ने इसे दूसरे नाम से लाइसेंस दे दिया, जो अब चन्द्रिका हॉस्पिटल के नाम से जाना जाता है.
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हॉस्पिटल के अंदर जाने पर आपको चिकित्स्कों के अस्पताल में विजिट का लिस्ट और बीमारी के इलाज के दाम टंगे मिल जाएंगे. डीसी को ऐसी शिकायत मिली कि डंडई प्रखंड के रारो गांव की एक महिला का बच्चेदानी का ऑपरेशन एक माह पहले हुआ है. जो अस्पताल में ही भर्ती है, अब उसकी स्थिति गंभीर हो गई है. जिसके बाद एसडीएम और सिविल सर्जन के निर्देश पर एक टीम गठित कर निजी अस्पताल पर छापेमारी किया तो प्रबंधन द्वारा महिला को अपने एम्बुलेंस से रांची भगा दिया गया. उसके बाद अस्पताल की जांच की गई तो एक आश्चर्यजनक मामला सामने यह आया कि कुछ लड़कियां, जो एएनएम की कोर्स कर रही है, वह गर्भवती महिलाओं का इलाज से लेकर ऑपरेशन तक कर रही हैं. जिसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया.
पीड़ित महिला रिंकू देवी ने बताया कि मेरी नार्मल डिलीवरी होती, लेकिन सभी ने मिलकर मेरा जबरन ऑपरेशन बिना बेहोश किए कर दिया और बच्चे को कही रख दिया. वहीं, परिजन ने बताया कि मेरी बेटी को सहिया लोगों ने जबरन यहां भेज दिया, आज मेरी बेटी को कुछ होता तो कौन जिम्मेदार होता.
वहीं, इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है क्योंकि जिस हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था. आखिर फिर क्यों लाइसेंस निर्गत किया गया, जब इस मामले पर सिविल सर्जन से लापरवाही के बारे में पूछा गया तो वह नाराज दिखें. इसे लापरवाही नहीं बल्कि निजी बताया. एसडीएम के जांच में यह खुलासा हुआ कि यह अस्पताल किसी तरह की क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता. फर्जी तरीके से मरीजों को बहला कर उसके जान के साथ खिलवाड़ करता है. अभी प्रबंधक सहित चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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