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Jharkhand News: करोड़ रुपए की लागत से बना ये अस्पताल बन गया भूत बंगला, वजह जान हो जाएंगे हैरान

दो करोड़ की लागत से बना एक अस्पताल आज खंडहर में तब्दील हो गई है. जिसका कारण सुन अब भी हैरान हो जाएंगे. पिछले कई सालों से अस्पताल उद्घाटन की बाट जोह रहा है, लेकिन अब तक उद्घाटन नहीं हो सका है.

Updated on: 15 Jul 2023, 01:55 PM

highlights

  • करोड़ों रुपए की हुई बर्बादी 
  • खिड़की और दरवाजे को उखाड़ ले गए चोर 
  • बदहाली पर आंसू बहा रहा है अस्पताल
  • राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण अस्पताल हो गया बर्बाद 
  • किसी ने भी नहीं दिया ध्यान 

Bokaro:

बोकारो से एक ऐसी खबर सामने आ रही है. जिसने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी है. दो करोड़ की लागत से बना एक अस्पताल आज खंडहर में तब्दील हो गई है. जिसका कारण सुन अब भी हैरान हो जाएंगे. पिछले कई सालों से अस्पताल उद्घाटन की बाट जोह रहा है, लेकिन अब तक उद्घाटन नहीं हो सका है. 2014 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इसकी आधारशिला रखी थी. राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण राज्य सरकार के करोड़ों रुपए की बर्बादी हो गई है. जहां आज मरीजों का इलाज होना चाहिए था वो आज खंडहर बन चुका है. 

करोड़ों रुपए की हुई बर्बादी 

अस्पताल बनकर हो गया था तैयार, लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण अस्पताल खंडहर में तब्दील हो गया है. जिससे राज्य सरकार के करोड़ों रुपए की बर्बादी हुई है. बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड में चंद्रपुरा और उसके आसपास के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह ने दो करोड़ की लागत से एक सौ बेड की अस्पताल का निर्माण कांच की आधारशिला रखी थी. 

खिड़की और दरवाजे को उखाड़ ले गए चोर 

वर्तमान में इस अस्पताल का नाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिजुआ है. अस्पताल भवन का निर्माण कार्य तो पूरा हो गया, लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण अस्पताल पूरी तरह से बंद पड़ा रहा. अस्पताल में लगे खिड़की और दरवाजे को उखाड़ कर चोर ले गए. अस्पताल में लगे टाइल्स को भी नहीं छोड़ा गया. उसे भी चोर उखाड़ ले गए. 

बदहाली पर आंसू बहा रहा अस्पताल

स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण यह अस्पताल पूरी तरह से बर्बाद हो गया क्योंकि इसकी शिलान्यास स्वर्गीय राजेंद्र सिंह ने की थी. उसके बाद राज्य में रघुवर दास की सरकार आ गई और यहां से योगेश्वर महतो बीजेपी से विधायक बने. जिस कारण अस्पताल का उद्घाटन नहीं हुआ और आज अस्पताल अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहा है.

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 किसी ने भी नहीं दिया ध्यान 

अस्पताल का निर्माण इसलिए कराया गया था ताकि आसपास के 50 हजार की आबादी में रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकें, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. पूर्व प्रमुख और वर्तमान में पंचायत समिति सदस्य अनीता गुप्ता ने कहा कि इस अस्पताल को लेकर वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलकर इसे शुरू करने की मांग की गई, लेकिन आज तक इस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. लोग इस अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं.

रिपोर्ट - संजीव