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हेमंत सोरेन सरकार में इन विधायकों को मिल सकता है मंत्री पद, पढ़े पूरी Detail

हेमंत सोरेन सरकार का सबसे बड़ी चुनौती होगी मंत्रीपद का बंटवारा करना. 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन बनेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री.

Updated on: 26 Dec 2019, 12:36 PM

highlights

  • झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनने के बाद झारखंड को जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा.
  • हेमंत सोरेन (Hemant Soren) 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ (Oath Ceremony Of Jharkhand CM) लेंगे. 
  • हेमंत सोरेन सरकार का सबसे बड़ी चुनौती होगी मंत्रीपद का बंटवारा करना. 

रांची:

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में महागठबंधन (JMM-Congress-RJD) की स्पष्ट बहुमत से सरकार बनने के बाद झारखंड को जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ (Oath Ceremony Of Jharkhand CM) लेंगे. नई सरकार से झारखंड (Jharkhand) की जनता को काफी उम्मीदें हैं. झारखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच बुधवार शाम हुई मुलाकात में यह सहमति बनी थी कि झामुमो के हिस्से मुख्यमंत्री के अलावा पांच मंत्रीपद आएंगे, और कांग्रेस को भी पांच मंत्री पद मिल सकता है. जबकि राजद की तरफ से एक मंत्री बनाया जा सकता है.

बता दें कि इसको ध्यान में रखते हुए हेमंत सोरेन अपने सहयोगी दल कांग्रेस और आजेडी के साथ तालमेल बनाकर झारखंड की सरकार अगले 5 साल चलाने की कोशिश में रहेंगे. नई सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (Common Minimum Programme) बनाकर उसको अमल में लाने का प्रयास करेगी. इसी के साथ साथ पिछली सरकार (रघुवर सरकार) के अच्छी सरकारी योजनाओं पर काम करना भी नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है. लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है मंत्री पद का बंटवारा करना.

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इन विधायकों को मिल सकता है मंत्री पद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नई चुनी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में जेएमएम से स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, दीपक बिरुआ, मिथिलेश ठाकुर, सरफराज अहमद, बैजनाथ राम, सीता सोरेन के नामों की चर्चा जोरों पर है. वहीं कांग्रेस से आलमगीर आलम, राजेंद्र सिंह, रामेश्वर उरांव, दीपिका पांडेय, ममता देवी, बन्ना गुप्ता और इरफान अंसारी मंत्री बनाये जा सकते हैं. हालांकि मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर अंतिम फैसला दिल्ली में ही किया जाएगा, जिस पर पहले से ही मंथन जारी है. मंत्रिमंडल गठन में कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह की भूमिका अहम मानी जा रही है.

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जबकि सभी निवनिर्वाचित विधायक मंत्री पद पाने के लिए अपनी अपनी पहुंच का इस्तेमाल करने लगे हैं. जबकि कुछ लोगों की मांग है कि नई सरकार में महिलाओं और युवा वर्ग को ज्यादा मौका मिलना चाहिए. इसी के साथ साथ पिछली सरकार (रघुवर सरकार) के अच्छी सरकारी योजनाओं पर काम करना भी नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है. इसी के साथ साथ पिछली सरकार (रघुवर सरकार) के अच्छी सरकारी योजनाओं पर काम करना भी नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है.