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लोहरदगा के इस अस्पताल में डॉ. की कमी, भगवान भरोसे हो रहा मरीजों का इलाज

लोहरदगा के सदर अस्पताल में क्षमता से भी कम डॉक्टर हैं. जिस कारण अक्सर स्वास्थ्य व्यवस्था बाधित और विवादित रहती है. जिसका फायदा निजी क्लिनिक वाले उठाते हैं. रात होते ही इनकी मनमानी शुरू हो जाती है. मरीजों से मोटे पैसे वसूले जाते हैं.

Updated on: 30 Nov 2022, 09:04 AM

Lohardaga :

झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत किसी से भी छुपी नहीं है. अस्तपाल तो होती है पर डॉक्टर नहीं होते मरीजों को दर दर भटकना पड़ता है. लोहरदगा के सदर अस्पताल की कुछ ऐसी ही हालत है जिसका खामियाजा लोगों को भुक्तना पड़ता है. इस अस्पताल में क्षमता से भी कम डॉक्टर हैं. जिस कारण अक्सर स्वास्थ्य व्यवस्था बाधित और विवादित रहती है. जिसका फायदा निजी क्लिनिक वाले उठाते हैं. रात होते ही इनकी मनमानी शुरू हो जाती है. मरीजों से मोटे पैसे वसूले जाते हैं. 

सिविल सर्जन का कहना है कि क्षमता से भी आधे से कम डॉक्टर होने के वावजूद अन्य व्यवस्था की वजह से चिकित्सकों की कमी हमेशा बनी रहती है. एनेस्थीसिया का डॉक्टर नहीं होने की वजह से सिजिरियन या अन्य ऑपरेशन का कार्य नहीं हो पा रहा है. जिसका फायदा निजी क्लीनिक उठा रहे हैं, निजी क्लीनिक के दलाल दस बजे रात के बाद सदर अस्पताल में सक्रिय हो जाते हैं और मरीजों से इलाज के नाम पर लाखों का चुना लगाते हैं. वहीं, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव लोहरदगा जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत करने के लिए शैक्षणिक व्यवस्था शुरू करना चाहते हैं लेकिन वर्तमान समय में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, सिविल सर्जन भी इस समस्या को स्वीकार करते हैं. लोहरदगा लोकसभा के सांसद सुदर्शन भगत ने पूरे मामले में राज्य सरकार की विफलता का आरोप लगाया है.

लोहरदगा की यह स्वास्थ्य व्यवस्था मंत्री के जिले में है, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बन्ना गुप्ता भी कई बार लोहरदगा आ चुके हैं लेकिन फिर भी इनके द्वारा कभी सदर अस्पताल का सुध लेने का कार्य नहीं किया गया, कहा जाय तो बन्ना गुप्ता जैसे सदर अस्पताल में कदम रखना ही नहीं चाहते हो, अब देखना है कि सदर अस्पताल यू ही भगवान भरोसे चलेगा या फिर आने वाले समय में इसमें कोई बदलाव होगा.

रिपोर्ट - गौतम लेनिन