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झारखंड निकाय चुनाव का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जानिए आखिर क्यों फंसा है पेच

गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार के खिलाफ अवमाननावाद याचिका दायर की है. उन्होंने झारखंड में बगैर ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने के विरुद्ध याचिका दायर की है.

Updated on: 20 Oct 2022, 09:29 AM

Ranchi:

नगर निकाय चुनाव को लेकर झारखंड में भी बवाल शुरू हो चुका है. बिना आरक्षण चुनाव कराने के विरुद्ध जमकर विरोध हो रहा है. अब गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार के खिलाफ अवमाननावाद याचिका दायर की है. उन्होंने झारखंड में बगैर ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने के विरुद्ध याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है.

चंद्रप्रकाश चौधरी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के पहले सर्वोच्च न्यायालय में जो शपथ पत्र दायर किया था, लेकिन उसका अनुपालन नहीं हुआ. सरकार ने बगैर ओबीसी के आरक्षण का निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया है.उन्होंने कहा कि शपथ पत्र देने के बाद भी झारखंड सरकार ने ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर नगर निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया है. इस तरह झारखंड सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है. 

आखिर क्यों फंसा है पेच

नगर निकाय और पंचायातों में ओबीसी को आरक्षण देने के मामले में ट्रिपल टेस्ट का प्रावधान है, जिसके तहत ओबीसी का राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण कर डाटा संग्रह करना है. इसके लिए सरकार को एक निर्धारित प्रक्रिया से गुजरना होगा. सांसद पंचायत चुनाव के दौरान ही इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गये थे.

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि एक आयोग का गठन कर सरकार ट्रिपल टेस्ट कराये. ट्रिपल टेस्ट से पहले बिना आरक्षण के चुनाव कराये जा सकते हैं. इसी आधार पर पंचायत चुनाव कराये गये. लेकिन अब तक सर्वेक्षण के लिए आयोग का भी गठन नहीं हो पाया है. इस वजह से निकाय चुनाव में भी ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा.