आजादी के इतने साल भी बदहाल है इस गांव की स्थिति, हर दिन मिट्टी खोदकर लोग पानी करते हैं जमा

500 साल पुराने गांव में आज भी लोग मिट्टी खोदकर पानी पीने को विवश हैं. पानी की समस्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव के लोग दिन-रात जागकर पानी इकट्ठा करते हैं.

500 साल पुराने गांव में आज भी लोग मिट्टी खोदकर पानी पीने को विवश हैं. पानी की समस्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव के लोग दिन-रात जागकर पानी इकट्ठा करते हैं.

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Rashmi Rani
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पानी जमा करते लोग( Photo Credit : फाइल फोटो )

500 साल पुराने गांव में आज भी लोग मिट्टी खोदकर पानी पीने को विवश हैं. पानी की समस्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव के लोग दिन-रात जागकर पानी इकट्ठा करते हैं. जहां आज हमारे देश ने हर क्षेत्र में तरक्की कर ली है, लेकिन फिर भी कई ऐसे जिले हैं जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. पीने के पानी के लिए लोग तीन किलोमीटर दूर जाकर हर दिन मिट्टी खोदकर थोड़ा थोड़ा पानी जमा करते हैं. 

पुराने तरीके से पानी करते हैं इक्ठा 

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दरअसल धनबाद जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग सौ साल पुराने तरीके से पानी इक्ठा कर पीते हैं. आजादी के इतने साल बाद भी आज भी गांव के लोग पानी के लिए दिन रात मिट्टी खोदकर चुवा से पीने का पानी गांव के महिला पुरुष हर दिन लाते हैं. हम बात कर रहे हैं बाघमारा प्रखंड अंतर्गत धर्माबांध स्थित देवघरा बस्ती की जहां के लोग आज पीने के पानी को इकट्ठा करने के लिए दिन रात गांव की महिला पुरुष मिट्टी खोदकर चुवा से प्रतिदिन पीने और खाना बनाने के लिए पानी लाते हैं. गांव में कहने को तो कई चापानल है जो खराब हो चुका है. सरकार द्वारा बोरिंग कर पानी निकला गया मगर वह भी बदहाल स्थित में है.

तीन किलोमीटर दूर जाकर लाते हैं पानी

बाघमारा प्रखंड से महज सात किलोमीटर दूर नीचे देवघरा में 4000 की आबादी वाला गांव जो शहर से दूर बीच जंगल में हैं. जहां गांव के लोग पानी के लिए दिन हो या फिर रात जूझते दिखते हैं. इस गांव में पानी का स्तर निचे होने के कारण चापानल से भी पानी नहीं निकालता है. जिसके कारन गांव की महिला दिन में गांव से तीन किलोमीटर बहार मिट्टी खोदकर चुवा से पानी लेते हैं. वहीं, गांव के लोगों ने बताया कि पानी के लिए रात भर लाइन लगाना पड़ता है. तब जाकर हमें पानी मिल पता है. 

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पानी की समस्या से निदान का दिया गया आश्वासन

गांव के लोगों ने बताया कि कई बार क्षेत्र के विधायक, सांसद और जिले के अधिकारों से फरयाद लगा चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. वोट के समय सांसद विधायक आते हैं और गांव के लोगों को बरगला कर वोट तो ले जाते है पर गांव की समस्या का समाधान नहीं करते हैं. वहीं, इस मामले में क्षेत्र के मुखिया प्रतिनिधि विकास रवानी ने बताया कि पानी की समस्या के समधान के लिए मेघा जलापूर्ति योजना पर काम चल रहा है. दो - दो जगह पर बोरिंग कराया गया है. जल्द ही लोगों को पानी की समस्या से निदान मिल जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • मिट्टी खोदकर पानी पीने को विवश हैं लोग 
  • मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं गांव के लोग 
  • पुराने तरीके से पानी करते हैं इकट्ठा

Source : News State Bihar Jharkhand

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