New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/09/19/tabrez-lynching-885-84.jpg)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
झारखंड (jharkhand) के सरायकेला जिले में मॉब लिंचिंग (mob lynching) में मारे गए तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) के मामले को लेकर पुलिस पर अब बैकफुट आती नजर आ रही है. दरअसल इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होने के बाद पुलिस ने बुधवार को पूरक चार्जशीट पेश की, जिसमें सभी 11 आरोपियों पर फिर से हत्या की धारा लगा दी गई है. इसके अलावा दो अन्य आरोपियों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल कर हत्या की धारा लगाई गई है.
यह भी पढ़ें: 'अबकी बार 65 के पार' को हकीकत बनाने अमित शाह ने झारखंड में फूंका चुनावी बिगुल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि तबरेज के साथ हुई मारपीट का जो वीडियो सामने आया उसकी जांच से पता चला कि वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. इसके साथ ही डॉक्टरों की रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई कि तबरेज हड्डियों में चोट आने और दिल में खूम जमने के बाद दिल का दौरा पड़ा था. इन सब तथ्यों को देखने के बाद ही आरोपियों के खिलाफ हत्या का ममाला दर्ज किया गया. इससे पहले रिपोर्ट्स में मौत का कारण केवल दिल का दौरा पड़ना बताया गया था जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था.
यह भी पढ़ें: युवती को घर में अकेला देख किया सामूहिक दुष्कर्म, जांच में जुटी पुलिस
कौन है अन्य दो आरोपी?
11 आरोपियों के अलावा जिन अन्य 2 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र दाखिल कर हत्या की धारा लगाई गई है उनकी पहचान विक्रम मंडल और अतुल महली के रूप में हुई है. बता दें, इससे पहले पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या दाखिल किए जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली कटघरे में आ गई थी. पीड़ित पक्ष और मृत तबरेज आलम की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पहले धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया गया था जिसे बदल कर धारा 304 कर दिया गया था. इधर पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन ने बताया कि धारा 302 के साथ भारतीय दंड विधान की धारा 295 ए भी लगाई गई है जो कि धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से है.