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साहिगंज में पत्थर माफियाओं का राज, अधिकारियों में नहीं है कार्रवाई करने की हिम्मत!

साहिबगंज जिले में पत्थर माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह अवैध तरीके से चलने वाले माइनिंग कारोबार को दिनों दिन बढ़ा रहे हैं.

Updated on: 19 Oct 2022, 04:04 PM

Sahibganj:

साहिबगंज जिले में पत्थर माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह अवैध तरीके से चलने वाले माइनिंग कारोबार को दिनों दिन बढ़ा रहे हैं. माफियाओं का साथ प्रशासन भी देता है. आलम ये हो गए हैं कि अवैध पत्थर माइनिंग और क्रैशर की वजह से बीमारियां फैल रही हैं, लेकिन ना तो प्रशासनिक अधिकारी इस बात पर ध्यान देते हैं और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधि. पत्थर के अवैध खनन की बात हो या फिर पत्थरों से लदे ओवर लोड वाहनों की बात, सब कुछ देखने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की इतनी हिम्मत नहीं होती कि वो माफियाओं या फिर माफियाओं की गाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके. खासकर तालाझारी प्रखंड में अवैध पत्थर खनन माफियाओं और ओवर लोडिंग वाहनों की वजह से लोगों को परेशानी होती है.

वहीं, ओवर लोडिंग गाड़ियों के सड़क से गुजरने से आम यात्रियों को भी परेशानी होती है. तालझारी प्रखंड के कोचाटोला, बाकुडी पकतोड़ि और गदाई डूंगी में नियमों का उल्लंघन कर ग्रामीण आबादी के बीच सैकड़ों पत्थर खदान और क्रेशर चल रहें हैं. क्रेशरों से निकलने वाले धुएं से आसपास के कई गांव प्रभावित होते हैं और लोग बीमार होते रहते हैं, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत से लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जाता है.

खनन विभाग भी माफियाओं का साथ देता है. अवैध रूप से चलने वाले क्रेशरों और खदानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता और यही कारण है कि पत्थर माफियाओं का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है. कई पत्थर खदानों में कभी-कभी हैवी ब्लास्टिंग की जाती है, जिससे आसपास के ग्रामीण भयभीत भी हो रहें हैं. वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी स्थानीय लोगों ने माफियाओं का साथ देने का आरोप लगाया है.

पत्थर माफियाओं से त्रस्त ग्रामीणों ने अपनी समस्या से जिले के डीसी को अवगत कराते हुए पत्थर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बहरहाल, अब ये देखना बाकी है कि प्रशासन पत्थर माफियाओं पर कैसे और कब तक लगाम लगाता है.

रिपोर्ट : गोविंद ठाकुर