बोकारो में लघु सिंचाई प्रमंडल का कारनामा, मानसून से पहले जारी कर दिया टेंडर

बोकारो में लघु सिंचाई प्रमंडल का कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है. जहां एक तरफ बोकारो में बालू खनन का काम पूरी तरह से बंद है तो वहीं दूसरी ओर लघु सिंचाई प्रमंडल ने जिले के 55 तालाबों के कायाकल्प के लिए टेंडर जारी कर दिया है.

बोकारो में लघु सिंचाई प्रमंडल का कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है. जहां एक तरफ बोकारो में बालू खनन का काम पूरी तरह से बंद है तो वहीं दूसरी ओर लघु सिंचाई प्रमंडल ने जिले के 55 तालाबों के कायाकल्प के लिए टेंडर जारी कर दिया है.

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Jatin Madan
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Bokaro News

सरकारी पैसों का दुरूपयोग.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

बोकारो में लघु सिंचाई प्रमंडल का कारनामा इन दिनों सुर्खियों में है. जहां एक तरफ बोकारो में बालू खनन का काम पूरी तरह से बंद है तो वहीं दूसरी ओर लघु सिंचाई प्रमंडल ने जिले के 55 तालाबों के कायाकल्प के लिए टेंडर जारी कर दिया है. बोकारो में जून महीने में बालू या मिट्टी का काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. क्योंकि खनन पर रोक होती है, लेकिन इसी बीच लघु सिंचाई प्रमंडल ने 55 तालाबों के कायाकल्प के लिए टेंडर जारी कर दिया है. ये जानते हुए कि अभी बालू और मिट्टी का काम नहीं हो सकेगा. इतना ही नहीं जिले में जल्द मानसून की दस्तक होने वाली है. यानी कायाकल्प अगर शुरू हुआ भी तो बारिश कार्य पर पलीता लगा देगी.

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साढ़े छह करोड़ की राशि स्वीकृत

अगर बात की जाए कायाकल्प के लागत की तो 55 तालाबों के कायाकल्प के लिए करीब साढ़े छह करोड़ की राशि स्वीकृत है. यही वजह है कि अब विभाग के इस कारमाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल 15 जून के बाद से राज्य सरकार की ओर से पूरे राज्य में मिट्टी का काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. ऐसे में बिना शिलान्यास किए ही कायाकल्प के लिए टेंडर निकाल देना कई सवाल खड़े कर रहा है.

सरकारी पैसों का दुरूपयोग

सवाल इसलिए भी क्योंकि इससे पहले मई के महीने में इस कार्य के लिए टेंडर निकाला गया था, लेकिन बिना किसी वजह के ही टेंडर को कैंसिल कर दिया गया. अब एक बार फिर टेंडर ऐसे वक्त में जारी हुआ जब बालू का काम बंद होने जा रहा है. ऐसे में अगर जून में मिट्टी का काम नहीं होता तो जीर्णोद्धार किए जाने वाले तालाबों में बारिश का पानी जमा हो जाएगा. इसके बाद विभाग तालाबों से पानी को दोबारा निकालेगी और तालाबों का कायाकल्प होगा. इससे ना सिर्फ प्रक्रिया लंबी होगी बल्कि लागत भी ज्यादा लगेगी, जो सरकारी पैसों का दुरूपयोग है.

भ्रष्टाचार की बू 

यही वजह है कि टेंडर जारी होने के बाद से ही इस योजना में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है. बोकारो जिले के विधायक भी इसपर गंभीर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, इस मामले में विभाग के कार्यपालक अभियंता मीडिया के सवाल पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन पल्ला झाड़ने से सवाल तो खत्म नहीं होंगे. जरूरत है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए ताकि करोड़ों की राशि का बंदरबांट ना हो और एक बार फिर कोई सरकारी योजना भ्रष्टाचार की भेंट ना चढ़ जाए.

रिपोर्ट : संजीव कुमार

HIGHLIGHTS

  • बोकारो में बालू खनन का काम पूरी तरह से बंद
  • इसी दौरान लघु सिंचाई प्रमंडल ने निकाला टेंडर
  • साढ़े छह करोड़ की राशि स्वीकृत

Source : News State Bihar Jharkhand

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