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Shravani Mela 2022: बाबा के धाम में इस बार नहीं चलेगी

भगवान के दर पर भी कुछ लोग वीवीआईपी और वीआईपी गिरी दिखाने से पीछे नहीं हटते लेकिन ऐसे खास लोगों को 'आम लोग' वाला ऐहसास दिलाने के लिए देवघर प्रशासन ने कमर कस ली है.

Updated on: 15 Jul 2022, 12:39 PM

Deoghar:

भगवान के दर पर भी कुछ लोग वीवीआईपी और वीआईपी गिरी दिखाने से पीछे नहीं हटते लेकिन ऐसे खास लोगों को 'आम लोग' वाला ऐहसास दिलाने के लिए देवघर प्रशासन ने कमर कस ली है. दरअसल, आज से प्रसिद्ध श्रावणी मेले (Shravani Mela) का शुभारंभ हो गया है, लेकिन इस बार खास बात यह है कि अब वीआईपी, वीवीआईपी और अपने शक्तियों का 'दुरुपयोग' कर आम लोगों की तरह भगवान के दर्शन न करके खुद को 'खास व्यक्ति' बताकर दर्शन करने वालों को तगड़ा झटका लगेगा. इस बार बाबा के धाम में सभी को एक तरह से ही दर्शन करना होगा. 

दरअसल, प्रशासन ने इस बात की जानकारी दी है कि श्रावणी मेला (Shravani Mela) के दौरान वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन पूर्ण रूप से बंद रहेगा. यानि कि जो भी बाबा के दर पर आएगा वह दूसरे भक्तों की तरह सामान्य तरीके से ही दर्शन करेगा, उसके लिए कोई खास व्यवस्था दर्शन करने के लिए नहीं रहेगी. आज पूजा समाप्ति के उपरांत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर व सुल्तानगंज के गंगाघाट से कांवर लेकर आने वाले एक कांवरिया से फीता कटवाकर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए कृषि मंत्री बादल ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की अगुवायी में सभी को मिलकर बाबा के भक्तों का स्वागत करना है. 

मंत्रोचारण के साथ किया गया मेले का उद्घाटन
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और भाजपा के स्थानीय सांसद डॉ निशिकान्त दुबे ने श्रावणी मेले (Shravani Mela) का उद्घाटन किया. इस दौरान झारखंड सीमा पर अवस्थित दुम्मा कांवड़िया पथ श्रावणी मेले (Shravani Mela) का विधि-विधान पूर्वक शुभारंभ करने के लिए 11 वैदिक पुरोहितों की तरफ से बाबा (Baba Baidyanath) की पूजा की गई. 

बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेख करने पहुंचते हैं कांवड़िए
बता दें कि बिहार (Bihar News) के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज गंगाघाट से लेकर बाबा वैद्यनाथ के धाम तक 108 किलोमीटर लंबी यात्रा के क्रम में बिहार के भागलपुर, मुंगेर व बांका के अतिरिक्त झारखंड के देवघर जिला का हिस्सा पड़ता है. देवघर में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध श्रावणी मेले (Shravani Mela) के आयोजन से बिहार और झारखंड के चारों जिलों के लोगों को फायदा मिलता है. बाबा के भक्त यानि कांवड़िए सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं.