इस गांव में है मौतों का सिलसिला जारी, आत्माओं का साया या देवताओं की नाराजगी?
हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड के बरकट्ठा दक्षिणी पंचायत में इन दिनों ऐसी घटना घटित हो रही है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. घटना के बारे में सुनकर हर व्यक्ति दांतो तले उंगली दबा रहे हैं.
highlights
. 45 दिनों के भीतर एक ही पंचायत में 18 लोगों की मौत
. मौत का सिलसिला अब भी है जारी
Hazaribagh:
हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड के बरकट्ठा दक्षिणी पंचायत में इन दिनों ऐसी घटना घटित हो रही है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. घटना के बारे में सुनकर हर व्यक्ति दांतो तले उंगली दबा रहे हैं. कोई आत्माओं का साया कह रहा है, तो कोई देवी-देवताओं की नाराजगी बता रहे हैं. दरअसल, जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर स्थित बरकट्ठा प्रखंड के बरकट्ठा दक्षिणी पंचायत में पिछले 45 दिनों से काला दिन चल रहा है. काला दिन इसलिए क्योंकि 45 दिनों के भीतर लगातार पंचायत क्षेत्र के 17 घरों के चिराग बुझते नजर आ रहे हैं. एक के बाद एक लोगों के मौत की सिलसिला थम नहीं रही है और कुछ इस तरीके से पंचायत के कुल 18 लोग काल के गाल समा गए.
लोगों की मौत गांव में किसी की अचानक हो रही है, तो किसी की सड़क दुर्घटना, बीते 3 दिन पहले ही एक 10 वर्षीय बालक नीतीश कुमार बरकट्ठाडीह निवासी की अचानक तबीयत बिगड़ती है. इलाज के लिए जा रहे रास्ते में ही मौत हो जाती है और आज फिर बरकट्ठा पंचायत के एक गर्भवती महिला सहित नवजात शिशु की मौत हो गई. स्थानीय लोगों का ऐसा कहना है कि लोगों के द्वारा की गई गलतियां से देवी-देवताओं की नाराजगी है, जिसका परिणाम ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
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वहीं ग्रामीण यह भी बताते हैं कि बीते कुछ दिन पहले गांव के ही श्मशान घाट के स्थान को बदल कर दूसरे कहीं खेत में शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. जिसके बाद इस पंचायत क्षेत्र में अचानक मौत का तांडव शुरू हो गया. ग्रामीणों ने इस घटना से निजात के लिए पंचायत में ही हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों के बीच एक बैठक भी बुलाई और घटना से बचने के लिए विशेषज्ञों के पूछताछ के बाद पूजा पाठ व यज्ञ करने का भी निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट के रास्ते में अतिक्रमण भी किया गया था. ग्रामीण एकजुट होकर अतिक्रमण मुक्त करने में लगे हुए हैं, ताकि गांव में ऐसी घटना पर विराम लग सके.
एक पंचायत में 45 दिनों के अंदर लगभग 18 लोगों की मौत का सिलसिला जारी है, तो कहीं ना कहीं यह घटना किसी को भी हैरान कर रही है. पंचायत में घट रही ऐसी घटनाओं को लेकर जितनी मुंह, उतनी बातें कही जा रही है, लेकिन अब लगातार हो रहे लोगों की मौत पर कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पा रहा है. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे धार्मिक व अतिक्रमण मुक्त पहल पर क्या मौत का सिलसिला थम पाता है या सिर्फ अंधविश्वास बनकर रह जाता है.
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