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वैभव की प्रतिभा को सलाम, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में मिली जगह

"कौन कहता आसमां में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो... आज इस कहावत को सच कर दिखाया है झारखंड के वैभव ने.

Updated on: 02 Jan 2023, 04:11 PM

highlights

  • वैभव की प्रतिभा को सलाम
  • वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में मिली जगह
  • वैभव की उपलब्धि से परिवार में खुशी
  • सीएम और राज्यपाल से भी हो चुके सम्मानित
  • पीएम आवास में भी टंगी है वैभव की चित्रकारी

 

Ramgarh:

"कौन कहता आसमां में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो... आज इस कहावत को सच कर दिखाया है झारखंड के वैभव ने. जिसके हुनर की तारीफ आज पूरी दुनिया में हो रही है. रामगढ़ के वैभव ने आज ना सिर्फ झारखंड या देश बल्कि दुनियाभर में अपने परिवार और जिले का नाम रौशन कर दिया है. इस चित्रकार की कलाकारी को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में जगह मिली है. वैभव के इस उपलब्धि से पूरे परिवार में खुशियों की लहर है.

भले ही वैभव की प्रतिभा की सराहना हर तरफ हो रही है, लेकिन आज भी वैभव का परिवार गरीबी और तंगहाली में जीने को मजबूर है. हालांकि हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से सांसद जयंत सिन्हा ने वैभव को मदद देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने वैभव की कला की तारीफ करते हुए कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम वैभव को सही दिशा दिखाए. ताकि कला के बल पर उसका जीवन संवर सके और वो बिना किसी परेशानी के अपनी प्रतिभा को और निखार सकें.

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में जगह मिलने के पहले भी वैभव की चित्रकारी को कई बार सम्नाति किया जा चुका है. वैभव की बनाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां की तस्वीर प्रधानमंत्री आवास में भी टंगी हुई है. झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व सीएम रघुवर दास भी वैभव को सम्मानित कर चुके हैं. इतना ही नहीं हिमेश रेशमिया, तापसी पन्नू और कई बड़े बॉलीवुड कलाकार भी वैभव की चित्रकारी के फैन हैं, लेकिन प्रतिभा और सम्मान मिलने के बाद भी वैभव को कभी वो मदद नहीं मिली जिसकी उसे उम्मीद थी. हालांकि अब सांसद के आश्वासन के बाद उसे उम्मीद है कि वो भी अपनी कला के जरिए अपने सपने पूरे कर सकेगा.

वैभव ने स्कूल टाइम से ही पेंटिंग्स बनानी शुरू कर दी थी. पहली बार स्कूल में उसने एक प्रतियोगिता में भाग लिया और इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. दिन बदले, साल बदले और वैभव अलग-अलग राज्यों में अपनी प्रतिभा का परचम लहराता गया. अब जरूरत है कि वैभव को शासन-प्रशासन की ओर से तमाम मदद मिल सके ताकि ये कलाकार वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन जैसे तमाम वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करे.

रिपोर्ट : अनुज कुमार

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