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Jharkhand News: बांग्लादेशी घुसपैठियों की जद में साहिबगंज, खतरे में पड़ा हिंदुस्तान

संथाल परगना के साहिबगंज एवं पाकुड़ जिले में तेजी से हो रहे बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा प्रचंड होते जा रहा है. वहीं, इन बंगलादेशी घुसपैठियों से जेएमएम के वरिष्ट नेता सह बोरियो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने संथाल समाज को खतरा बताया है .

Updated on: 14 Jun 2023, 12:41 PM

highlights

  • राजमहल आने लगा है घुसपैठियों के जद में
  • घुसपैठियों के निशाने पर आदिवासी बहुमूल्य
  • विशेष व्यक्ति को किया जाता है टारगेट 
  • बांगलादेशी युवक को किया था गिरफ्तार 
  • भारत की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध

Sahibganj:

संथाल परगना के साहिबगंज एवं पाकुड़ जिले में तेजी से हो रहे बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा प्रचंड होते जा रहा है. वहीं, इन बंगलादेशी घुसपैठियों से जेएमएम के वरिष्ट नेता सह बोरियो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने संथाल समाज को खतरा बताया है तो वहीं जेएमएम के ही राजमहल के सांसद विजय हांसदा ने इसे राजनीतिक करार दिया है, लेकिन जब न्यूज़ नेशन की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इस की पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि सच में इन घुसपैठियों से संथाल समाज भयभीत है,और संथाल समाज इन बंगलादेशी घुसपैठियों से बेहद घृणा भी करता है.

राजमहल आने लगा है घुसपैठियों के जद में

प्राकृतिक सौंदर्य की गोद में बसे झारखंड प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से घिरा संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ जिले में इन-दिनों बांगलादेशी घुसपैठियों का जीवन यापन करने का सुरक्षित अड्डा बनता जा रहा है. वहीं, रांची स्पेशल ब्रांच के खुफिया तंत्र के अनुसार खासकर संथाल परगना के साहिबगंज जिले के तीन प्रखंड पहला उधवा दुशरा बरहरवा एवं तीसरा राजमहल प्रखंड इन-दिनों बंगलादेशी घुसपैठियों के जद में आने लगा है. वहीं, राजमहल के बीजेपी विधायक अनंत ओझा के अनुसार जिले  के उधवा, बरहरवा एवं राजमहल प्रखंड क्षेत्र में आने वाले कई ऐसे सुनसान दियारह इलाका है.

घुसपैठियों के निशाने पर आदिवासी बहुमूल्य

जो गंगा नदी के तट पर है,और वह पूरी तरह से सुनसान स्थान है. इन्हीं स्थानों को चिन्हित कर सबसे पहले बांगलादेशी घुसपैठियां सबसे पहले झुग्गी-झोपड़ी के रूप में टीना का झोपड़ी बना कर जीवन यापन करने लगते है. इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि यानी कि मुखिया एवं कई प्रखंड कर्मियों की मिली भगत से फर्जी तरीके से आधारकार्ड एवं जन्मप्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमान पत्र भी बनाकर वह प्रदेश सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ भी लेने लगते है. साथ ही साथ बंगलादेशी और झारखंड के बीच दियाराह इलाकों में बसने के बाद इन घुसपैठियों के निशाने पर आदिवासी बहुमूल्य इलाको में बसा कई गांव रहता है. 

विशेष व्यक्ति को किया जाता है टारगेट 

वहीं, गांव को सबसे पहले घुसपैठियों के द्वारा चिन्हित किया जाता है. इसके बाद घुसपेठियां इन्हीं क्षेत्रों में साइकल या तो फिर मोटरसाइकिल पर सवार हो कर सनपापड़ी एवं प्लास्टिक या तो फिर टीना लेने एवं बेचने के बहाने सुदूरवर्ती आदिवासी इलाकों में जाते है. इसके बाद गांव के किसी विशेष व्यक्ति को टारगेट कर उनके घरों में आना- जाना साथ ही साथ भोले-भाले जनजातीय समुदाय के लोग तथा आदिवासी समाज के साथ बैठना उठाना एवं उससे घुल मिल कर उसके समाज का हिस्सा बनना अब इन लोगों के लिए आम बात हो गई है,और किसी तरह से मीठे-मीठे बोल चाल तथा रिश्ता जोड़ने का प्रयास करते है. इसके बाद वह गैर कानूनी तरीके से आदिवासी महिलाओं एवं बहु-बेटियों को अपने प्रेमजाल में फंसाकर उनका शोषण करते हैं और अपने हवस का शिकार बनाते है. इतना ही नहीं बल्कि कबीले की भांति क्षेत्र में फैल जाना अब इनका रवैया बन गया है. वहीं, बीजेपी विधायक अनंत ओझा के अनुसार धीरे-धीरे यह बंगलादेशी घुसपेठियां अब जिला प्रशासन तथा शासन से बच बचाकर कई वर्ष से सुनसान स्थानों पर गुजर-बसर करने के बाद अपना हक जताने में भी अब परहेज तक नहीं करते हैं. साथ ही साथ अब आदिवासी महिलाओं को जनप्रतिनिधि के रूप में चुनाव भी लड़ाना शुरू कर दिया है.

घुसपैठियों का मुद्दा रहा है गूंजता 

वहीं, अगर हम झारखंड विधानसभा सत्र एवं दिल्ली लोकसभा सत्र की बात करें तो हमेसा ही संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ जिले की बदलती डेमोग्राफी एवं बंगलादेशी
घुसपैठियों का मुद्दा गूंजता रहा है, लेकिन वह सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के गलियारों में गूंज कर ही खत्म हो जाती है. बीते कुछ माह पूर्व साहिबगंज जिला प्रशासन के द्वारा कई बड़े -बड़े खुलासा भी किए जा चुके है. जहां बांग्लादेशी को भारत की नागरिकता होने का प्रमाण सहित कई दस्तावेज की उजागर भी हुई है. हाल में ही उधवा प्रखंड के दियारा इलाकों में रहने वाले कुछ बांग्लादेशी को यहां के नागरिकता के तौर पर मतदाता पहचान पत्र एवं आधार कार्ड होने का मामला भी सामने आ चुके हैं. जहां जांच के उपरांत उधवा प्रखंड क्षेत्र पर स्तिथ पच्छिमी प्राणपुर पंचायत के तत्कालीन मुखिया बदसु शेख को राधानगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. 

बांगलादेशी युवक को किया था गिरफ्तार 

इसके आलावे फिर एक ताजा मामला जिले के तालझारी से सामने आया था. जहां तालझारी थाना पुलिस ने तालझारी रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपीएफ के जवानों ने पैसिंजर ट्रैन से संदेह के आधार पर एक बांगलादेशी युवक को भी गिरफ्तार किया था. वहीं, पुलिस के गिरफ्त में आये बांगलादेशी युवक से जब तालझारी थाना पुलिस ने पूरी जानकारी लेने की प्रयास किया था तो उसने अपना नाम नजमूल हवलदार, पिता इनायत हवलदार जिला बागेरहाट थाना मारिलगंज बांगलादेश बताया था. वहीं, पुलिस के गिरफ्त में आये बंगलादेशी युवक ने पुलिस के सामने कई बड़े-बड़े खुलासा किये थे. जिसे सुनकर पुलिस के चेहरे से पशीना छूटने लगा था. हालांकि पुलिस के गिरफ्त में आये बंगलदेशी युवक फिलहाल हिंदुस्तान के जेल में बंद है.

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भारत की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध

मामले में लगातार राजमहल के बीजेपी विधायक अनंत ओझा के द्वारा आवाज उठाया जा रहा है. जिसका मुख्य वजह जिला प्रशासन तथा वर्तमान झामुमों की सरकार को दोषी माना जा रहा है. चुकी क्षेत्रीय चुनावी लाभ तथा मयन रोटी को बढ़ावा देने के वास्ते लगातार बांगलादेशी को शरण दिया जा रहा है. साथ ही इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता है कि कहीं ना कहीं देश में अंतराष्टीय खतरा मंडरा रहा है. साथ ही भारत के सुरक्षा व्यवस्था में सेंध होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. चुकी सीमा पर घुस लेकर बांगलादेशी घुसपेटियों को भारत में लाना अगर ऐसा ही होता रहा तो वह दिन भी अब दूर नहीं जब हिंदुस्तान को पूरी तरह से अपने जद में लेकर पाकिस्तान या तो फिर बंगलादेश घोषित करने में यह बंगलादेशी सफल हो जाए.

रिपोर्ट - गोविंद ठाकुर