logo-image

ED की ताबड़तोड़ छापेमारी और नोटिस मिलने के बाद बौखलाया सत्तापक्ष

झारखंड में ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और नोटिस मिलने के बाद बौखलाया सत्तापक्ष, भाजपा शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

Updated on: 19 Oct 2022, 04:41 PM

Ranchi:

झारखंड में ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी और नोटिस मिलने के बाद बौखलाया सत्तापक्ष, भाजपा शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधा. ईडी की कार्रवाई सिलसिला आईएस पूजा सिंघल से शुरू हुआ, जो अब रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. पूजा सिंघल के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, इनके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ही प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू और बिजनेस मैन अमित अग्रवाल को ईडी ने अपने शिकंजे में दबोच लिया. अब झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के अलावे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और अन्य झारखंड सरकार के सत्ता पक्ष नेता को ईडी ने नोटिस किया है. ईडी के रडार में आने के बाद इन सभी नेताओं के तेवर बदल गए हैं, जिससे सत्तापक्ष की घबराहट और बेचैनी बढ़ी हुई है.

इसी घबराहट के बाद झारखंड के सत्ता पक्ष और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि जब 2019 से पूर्व झारखंड में जब भाजपा की सरकार थी, तब भ्रष्टाचार चरम पर था. प्रतिदिन घोटाले के नए-नए कारनामे जनता के सामने आते थे, लेकिन इस पर किसी तरह का ईडी का कोई नोटिस और कार्रवाई नहीं की जाती थी. जैसे ही राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता से बेदखल हो जाती है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन के सहयोग से सरकार बनाते हैं, उसी दिन से सरकार को राज्य में अस्थिर करने की कोशिश में भाजपा जुड़ जाती है. जब दोबारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गठबंधन के सहयोग से अपना बहुमत विधानसभा में पारित कर दिया, उसके बाद से ईडी की नोटिस की कार्रवाई शुरू हो गई.

पहले तो सरकार को अपदस्थ करने की कोशिश अब उनके विधायक मंत्री और सांसदों को बेवजह परेशान करने की कोशिश की जा रही है. जिसका मास्टरमाइंड केंद्र सरकार और भाजपा के भ्रष्टाचारी नेता हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा जिस तरह से शिक्षा मंत्री को ईडी की नोटिस की गई है. वह नोटिस कोई देश के सरकारी संस्थान के द्वारा भेजा जाना प्रतीत नहीं होता है, बल्कि किसी अन्य के दबाव में जबरन नोटिस करने जैसा प्रतीत होता है.

वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन के कार्यों से भाजपा एक बार फिर घबरा गई है. उन्हें लगता है कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री बनाया है और सत्ता जबरन हथियाने का काम किया है, वैसा झारखंड में भी सफल हो जाएंगे तो यह नामुमकिन है. बीजेपी से राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि जब झारखंड सरकार के सत्ता पक्ष के मंत्री विधायक और नेता भ्रष्टाचारी नहीं है. घोटाले के आरोपी नहीं है तो जांच से कैसी डर. हम भ्रष्टाचारी हैं और गलत हैं तो ईडी मुझे भी नोटिस करें और जांच करें. मैं जांच कराने के लिए तैयार हूं. सरकार के नेता मंत्री सांसद विधायक साफ छवि के हैं तो ने डरने की आवश्यकता नहीं है.