Jharkhand News: साहिबगंज में सड़कें बनी दरिया, पहली बारिश ने खोली दावों की पोल

साहिबगंज में बारिश की दस्तक के साथ ही सरकारी दावों की पोल खुलने लगी है. जहां पहली बारिश के बाद ही सड़कें सैलाब की चपेट में आ गई है.

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Jatin Madan
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पहली बारिश ने खोली दावों की पोल.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

साहिबगंज में बारिश की दस्तक के साथ ही सरकारी दावों की पोल खुलने लगी है. जहां पहली बारिश के बाद ही सड़कें सैलाब की चपेट में आ गई है. ग्रामीण इलाकों में तो हालात बद से बदतर है. गांवों में सड़कें पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो चुकी है. साहिबगंज जिला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आता है, लेकिन यहां विकास के नाम पर जनता को क्या मिला है इसकी बानगी तस्वीरें ही करने को काफी है. जहां जिले के राजमहल अनुमंडल कार्यलय को साहिबगंज जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य सड़क का वजूद झारखंड सरकार के नक्शे से मिटता जा रहा है. यहां सड़क के नाम पर जनता को पगडंडियां भी सिर्फ गर्मी के महीने नसीब होती है. बारिश की दस्तक के साथ ही लोग तालाबनुमा सड़क पार करने को मजबूर हो जाते हैं.

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साहिबगंज में सड़क पर 'सैलाब'

इन दिनों बच्चे जिसमें तालाब समझकर अठखेलियां कर रहे हैं वो गांव की सड़क है. कन्हैयास्थान और कमलेन बगीचा गांव में सड़कों की हालत यही है. इन गांवों में सड़कों के साथ-साथ सरकार के दावे भी दम तोड़ती नजर आती है. ये हालात तब है जब झारखंड सरकार हो या केंद्र सरकार यहां की चिटफंड कंपनियों से राजस्व के तौर पर करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं और इसी जिले की जनता की ये दुर्दशा सरकार के साथ ही प्रशासन की भी कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करती है.

सड़कें बनी दरिया... लोग बेहाल

सड़कों को दुरुस्त करना अब यहां सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है. जो चुनावी मौसम में सियासी गलियारों में तो जोरों शोरों से गूंजता है, लेकिन चुनावी नतीजे आने के साथ ही जनप्रतिनिधि इन गांवों का रास्ता और ग्रामीणों से किए वादे दोनों ही भूल जाते हैं. नतीजा ये है कि जनता बदहाली का दंश झेलती है. गर्मी में कच्ची सड़क से उड़ने वाले धूल बीमारियों का कारण बनते हैं और बारिश में घुटने तक पानी आवाजाही दूभर कर देते हैं.

सड़कों की बदहाली के कौन जिम्मेदार?

राजमहल से लेकर साहिबगंज को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को लेकर झारखंड सरकार ने घोषणाएं भी की थी, लेकिन वो घोषणा भी सिर्फ घोषणा रह गई. कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी खराब सड़क के बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन मानो नेता हो या अधिकारी सभी कुंभकर्णी नींद में सोई है. एक तरफ साहिबगंज जिला मुख्यालय को और दूसरी ओर पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली ये मुख्य सड़क अपनी ही बदनसीबी पर आंसू बहा रही है. ग्रामीणों की सालों पुरानी समस्या मॉनसून की दस्तक के साथ ही एक बार फिर लोगों की परेशानी का सबब बन रही है. अब देखना ये होगा कि खबर दिखाने के बाद भी जिम्मेदारों की नींद खुलती है या नहीं.

HIGHLIGHTS

  • साहिबगंज में सड़क पर 'सैलाब'
  • सड़कें बनी दरिया... लोग बेहाल
  • पहली बारिश ने खोली दावों की पोल
  • सड़कों की बदहाली के कौन जिम्मेदार?

Source : News State Bihar Jharkhand

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